निवाड़ी न्यूज़ | निवाड़ी जिले की तहसील पृथ्वीपुर के अंतर्गत आने वाली जेरोन नगरपालिका में स्थित आरोग्य केंद्र इन दिनों बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी से जूझ रहा है। इस केंद्र पर न पर्याप्त स्टाफ है, न ही ढंग की व्यवस्था, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्टाफ की कमी बनी बड़ी समस्या
आरोग्य केंद्र पर कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति नहीं की गई है और न ही पर्याप्त संख्या में मेडिकल स्टाफ मौजूद है। यही वजह है कि यहां हर दिन केवल 10 से 12 मरीज ही पंजीकृत हो पा रहे हैं। इलाज कराने के लिए आने वाले बाकी मरीज या तो लंबा इंतजार करते हैं या फिर बिना इलाज के लौट जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से स्टाफ की कमी बनी हुई है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
डॉक्टर दोपहर 2 बजे तक ही रहते हैं
स्थानीय निवासियों और मरीजों ने बताया कि डॉक्टर अक्सर दोपहर 2 बजे तक ही केंद्र पर रहते हैं, जिसके बाद आने वाले मरीजों को बिना इलाज के वापस भेज दिया जाता है। कई बार मरीज दूर-दराज से आते हैं, लेकिन उन्हें मायूस लौटना पड़ता है।
मौके पर जाकर सामने आई सच्चाई
जब पत्रकार अचल बिलगैया स्वयं केंद्र पर पहुंचे, तो वहां की अव्यवस्था साफ नजर आई। उपस्थित लोगों में रीना उईके, भागचंद सौर, वैभव शर्मा, अभिषेक रावत, नितेश कुमार जैन और मेडिकल स्टाफ में केवल दिव्यांशी अग्रवाल मौजूद थीं। इससे साफ हो गया कि केंद्र पर न तो पूरा स्टाफ है और न ही कोई व्यवस्थापक या ऑपरेटर।
मरीजों और ग्रामीणों में आक्रोश
केंद्र की स्थिति से न सिर्फ मरीज बल्कि क्षेत्र के ग्रामीण भी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि जब सरकार ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात करती है, तो धरातल पर ऐसा क्यों नहीं दिखाई देता? अगर जल्द सुधार नहीं किया गया तो ग्रामीणों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायतें करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एक ग्रामीण ने कहा, हमारे गांव में अस्पताल है, लेकिन इलाज नहीं है। डॉक्टर जल्दी चले जाते हैं और स्टाफ पूरा नहीं है। ऐसे में बीमारों को कहाँ ले जाएं?
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(अचल बिलगैया की रिपोर्ट) Bundelivarta.com