झांसी न्यूज़। झांसी बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्र दीपेन्द्र कुमार को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निष्कासित कर दिया गया और परीक्षा देने से मना कर दिया गया। छात्र ने जिलाधिकारी को संबोधित एक पत्र में आत्महत्या की चेतावनी देते हुए मामले को गंभीर रूप से उठाया है।
छात्र दीपेन्द्र कुमार बाबू जगजीवनराम विधि संस्थान का विद्यार्थी है। उसने पत्र में लिखा है कि उसका प्रवेश विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप आधारित था, इस कारण वह समय पर शुल्क जमा नहीं कर सका। इसके अतिरिक्त, विभाग के अन्य छात्रों के साथ मिलकर वह विश्वविद्यालय में बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित परीक्षा पद्धति लागू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत था।
छात्र ने स्वीकार किया कि एक प्रदर्शन के दौरान उसने सेशनल परीक्षा में एक छोटा सा पटाखा जलाया था। उसने इसे अपनी मूर्खता और भावनात्मक आवेग का परिणाम बताया है। इसी घटना को अनुशासनहीनता मानते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे निष्कासित कर दिया और परीक्षा में बैठने से रोक दिया।
पत्र में छात्र ने इस निर्णय को कठोर बताते हुए कहा है कि उसका उद्देश्य विश्वविद्यालय की मर्यादा भंग करना नहीं था, बल्कि अपनी और सहपाठियों की मांगों को प्रशासन तक पहुँचाना था। उसने यह भी कहा है कि यदि उसे परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई, तो वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को विवश होगा। इस गंभीर चेतावनी में उसने अपने विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशान्त मिश्रा, आर.के. सैनी और कुलपति डॉ. मुकेश पाण्डेय को जिम्मेदार ठहराया है।
यह मामला विश्वविद्यालय के प्रशासनिक निर्णयों और छात्रों की मानसिक स्थिति के बीच संतुलन की आवश्यकता को उजागर करता है। जिलाधिकारी कार्यालय में पत्र प्राप्त होने के बाद अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com