झांसी : कुडरी बालू खनन पर बवाल, भाजपा नेताओं ने जताया विरोध

रोहित राजवैद्य
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झांसी न्यूज़ | झांसी जिले के गरौठा तहसील क्षेत्र में स्थित कुडरी खनन पट्टे पर हो रहे कथित अवैध बालू खनन के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुरुवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध तब शुरू हुआ जब स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध खनन की सूचना भाजपा नेताओं को दी गई। जानकारी मिलते ही भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष कृष्णचंद्र तिवारी, भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष नेहिल सिंघई, विधायक जवाहरलाल राजपूत के प्रतिनिधि ललित पटेल, बामौर मंडल अध्यक्ष पुष्पेंद्र दुबे, गौरव खरे सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे।



मौके पर मचा प्रशासनिक हड़कंप

घटनास्थल पर पहुंचते ही भाजपा नेताओं ने खनन स्थल पर चल रही गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि नदी तट पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित लिफ्टर मशीनों द्वारा बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। इसके साथ ही आसपास के खेतों से भी बालू उठाई जा रही थी। इस पर नेताओं ने तुरंत उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को फोन कर मौके पर बुलाया।



सूचना मिलते ही वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन के अधिकारी हरकत में आए और आनन-फानन में भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। गरौठा सहित आसपास के कई थानों से पुलिस बल को भी मौके पर तैनात किया गया ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और स्थिति नियंत्रण में रहे।


खनिज विभाग के अधिकारी रहे नदारद

हालांकि, इस पूरी कार्रवाई के दौरान सबसे ज्यादा सवाल खनिज विभाग की भूमिका पर उठे। भाजपा नेताओं ने बताया कि जिला खनिज अधिकारी को बार-बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं खनिज निरीक्षक भी मौके पर नहीं पहुंचे। इस रवैये से भाजपा नेताओं में नाराजगी और संदेह और गहरा गया।


भाजपा नेताओं का आरोप

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि खनिज विभाग की चुप्पी और अनुपस्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि अवैध खनन को कुछ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष कृष्णचंद्र तिवारी ने कहा,
“नदी में प्रतिबंधित लिफ्टर मशीनें दिनदहाड़े चल रही हैं, जो न सिर्फ पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन है बल्कि यह शासन-प्रशासन की निष्क्रियता भी उजागर करता है। खनिज माफिया खुलेआम किसानों की निजी भूमि से भी अवैध बालू निकाल रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि क्षेत्रीय ग्रामीणों की आजीविका और भूमि की उर्वरता भी खतरे में पड़ रही है।


उन्होंने आगे कहा, “अगर इस पूरे मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो यह मान लिया जाएगा कि खनिज माफिया को राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, और भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर बड़ा जन आंदोलन करने को बाध्य होंगे।


भाजपा नेताओं ने रखी ये प्रमुख मांगे:

  1. नदी में चल रही सभी प्रतिबंधित लिफ्टर मशीनों को तत्काल जब्त किया जाए।

  2. किसानों की निजी भूमि से हो रहे अवैध खनन को तत्काल रोका जाए और जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई हो।

  3. खनिज विभाग की भूमिका की उच्चस्तरीय और स्वतंत्र जांच करवाई जाए।

  4. घटनास्थल पर अनुपस्थित रहे अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित हो।

ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन पर उठे सवाल

इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक मिलीभगत से क्षेत्र में खुलेआम बालू का अवैध खनन हो रहा है, जिससे खेतों की मिट्टी खराब हो रही है और नदी की धारा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।


झांसी के गरौठा क्षेत्र में कुडरी खनन पट्टे पर हो रही अवैध गतिविधियों को लेकर भाजपा नेताओं ने जिस प्रकार मोर्चा खोला है, उससे जिले में राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है। यह मामला अब केवल खनन का नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्रामीण हितों से भी जुड़ गया है।


भाजपा नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि शीघ्र प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई तो वे चरणबद्ध आंदोलन की ओर बढ़ेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।


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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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