झांसी न्यूज़ | झांसी में कैंसर की असहनीय पीड़ा से जूझ रहे एक अधेड़ ने शनिवार सुबह आत्महत्या कर ली। मूल रूप से महोबा जिले के कुलपहाड़ कस्बा निवासी 45 वर्षीय देव सिंह यादव पिछले कई महीनों से मुख कैंसर से ग्रस्त थे। इलाज लगातार चल रहा था, मगर जब डॉक्टरों ने ठीक होने की उम्मीद खत्म कर दी, तो वह पूरी तरह टूट गए। शनिवार सुबह उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
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मृतक की फ़ाइल फोटो |
देव सिंह झांसी के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के राजगढ़ मोहल्ले में पत्नी संतोषी और बेटी मोना यादव के साथ रहते थे। घर चलाने के लिए वे पास ही बिजौली औद्योगिक क्षेत्र की एक लोहा फैक्ट्री में काम करते थे। सवा साल पहले उन्हें कैंसर हुआ और इसका इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में शुरू हुआ। परिवार ने इलाज पर काफी पैसा खर्च किया, ऑपरेशन भी कराया, मगर बीमारी में कोई सुधार नहीं हुआ।
मौत से पहले बेटी को लगाया गले, फिर निकल गया घर से
शनिवार तड़के लगभग 4 बजे देव सिंह ने अपनी पत्नी और बेटी को नींद से जगाया। उन्होंने दवा ली और अपनी बेटी को सीने से लगाकर ढेर सारा दुलार किया। पत्नी को तब कुछ अजीब नहीं लगा, मगर देव सिंह के मन में एक फैसला पक चुका था। कुछ देर बाद जब दोनों महिलाएं दोबारा सो गईं, तो वह चुपचाप घर से निकल गए।
रेलवे ट्रैक पर मिला शव, बेटी बेहोश हुई
सुबह करीब 7 बजे प्रेमनगर थाने की पुलिस को सूचना मिली कि पुलिया नंबर 9 रेलवे क्रॉसिंग के पास रेलवे ट्रैक पर एक व्यक्ति का शव पड़ा है। हुलिए और कपड़ों के आधार पर पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे साले प्रमोद यादव ने शव की शिनाख्त देव सिंह यादव के रूप में की। जैसे ही बेटी मोना ने पिता की लाश देखी, वह वहीं बेहोश होकर गिर पड़ी।
बीमारी की पीड़ा से तड़प रहे थे देव
परिजनों ने बताया कि देव सिंह लगातार इलाज करवा रहे थे, लेकिन कैंसर का दर्द दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था। रात में कई बार नींद नहीं आती थी। पिछले महीने जब वह मुंबई इलाज के लिए गए थे, तो डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि अब उनकी हालत में सुधार संभव नहीं है। यह सुनकर देव अंदर से टूट गए थे।
आर्थिक संकट ने और बढ़ाई मुश्किलें
देव सिंह का परिवार बेहद सामान्य आय वाला था। इलाज पर खर्च ने उन्हें आर्थिक रूप से भी परेशान कर दिया था। साले प्रमोद ने बताया कि परिवार ने हरसंभव कोशिश की, ऑपरेशन कराया, दवाएं दिलाईं, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। दर्द बढ़ता जा रहा था और इसी वजह से देव सिंह ने खुदकुशी का रास्ता चुन लिया।
पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
प्रेमनगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन परिजन साफ तौर पर इसे बीमारी से परेशान होकर की गई आत्महत्या बता रहे हैं। पुलिस का कहना है कि परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com