सहजन लीफ मील से बुंदेलखंड में बढ़ेगा दूध उत्पादन

पलक श्रीवास
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झांसी। बुंदेलखंड के गोवंश को सेहतमंद बनाने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए झांसी स्थित चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (IGFRI) के वैज्ञानिकों ने एक सस्ता, प्राकृतिक और असरदार पशु आहार तैयार किया है। यह आहार सहजन (मोरिंगा) की पत्तियों से तैयार ‘लीफ मील’ के रूप में बनाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस आहार के सेवन से गोवंश में प्रोटीन, जिंक और फाइबर की मात्रा बढ़ती है, जिससे दूध उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है।




सहजन से बना पाउडर बनेगा पौष्टिक आहार


वैज्ञानिकों ने बताया कि सहजन के पौधों को ग्रासलैंड में 50×50 और 30×30 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया गया। पौधे विकसित होने के बाद उनकी पत्तियाँ और नरम टहनियाँ काटकर सुखाई गईं, फिर इन्हें पीसकर पाउडर के रूप में लीफ मील बनाया गया।

संस्थान ने इस आहार का परीक्षण कई गायों और बछड़ों पर किया, जिसमें पाया गया कि नियमित सेवन से पशुओं की शारीरिक मजबूती, प्रतिरोधक क्षमता और दुग्ध गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ।


सस्ती कीमत, बड़ा फायदा


वर्तमान में बाजार में मिलने वाला सामान्य पशु आहार 10 से 15 रुपये प्रति किलो मिलता है, जबकि सहजन आधारित लीफ मील सिर्फ दो रुपये प्रति किलो में तैयार किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कम लागत में किसानों, डेयरी संचालकों और पशुपालकों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।

सहजन की पत्तियों में 21.53% क्रूड प्रोटीन, 24.07% एसिड डिटर्जेंट फाइबर और 17.55% न्यूट्रल डिटर्जेंट फाइबर पाया गया है। इतना ही नहीं, इसमें संतरे से अधिक विटामिन C, केले से अधिक पोटैशियम और दूध-अंडे से अधिक प्रोटीन मिलता है, जो इसे अत्यंत पौष्टिक बनाता है।


सूखे में भी मिलेगा हरा चारा


बुंदेलखंड जैसे अर्ध-शुष्क क्षेत्र में पानी और हरे चारे की कमी सबसे बड़ी चुनौती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सहजन का पौधा कम पानी में भी तेजी से बढ़ता है और पूरे साल हरा चारा उपलब्ध कराता है। एक पौधे से 2–3 किलो तक हरी पत्तियाँ आसानी से मिल जाती हैं, जिनसे पशुओं का पोषण पूरा हो सकता है।

भारत में हर साल 1 से 2.2 मिलियन टन सहजन का उत्पादन होता है, जो इसे बड़े पैमाने पर उपलब्ध और सस्ता विकल्प बनाता है।

गोवंश रहेगा स्वस्थ, दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में बढ़ोतरी

परीक्षण रिपोर्ट में पाया गया कि सहजन लीफ मील के सेवन के बाद:

पशुओं में जिंक और प्रोटीन की बढ़ोतरी

 पाचन तंत्र बेहतर

दूध की मात्रा में 20–25% बढ़ोतरी

 रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत

बछड़ों की वृद्धि दर तेज

संस्थान के वैज्ञानिक अब किसानों और डेयरी संचालकों को यह तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका मानना है कि यदि बड़े स्तर पर सहजन आधारित फीड का उपयोग शुरू हो जाए, तो बुंदेलखंड में दुग्ध उत्पादन कई गुना बढ़ सकता है


कम लागत, अधिक पोषण और सूखे में भी उपलब्धता—ये सभी फायदे सहजन को बुंदेलखंड के किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी उम्मीद बना रहे हैं। सहजन लीफ मील न केवल दूध उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि गोवंश को सेहतमंद भी बनाएगा, जिससे क्षेत्र की डेयरी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।



( रिपोर्टर पलक श्रीवास ) Bundelivarta.com

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