छतरपुर न्यूज़ | छतरपुर जिले के चौपारा गांव में रहने वाली 23 वर्षीय पूनम आदिवासी की जिला अस्पताल छतरपुर में डिलीवरी के दौरान मौत हो गई। महिला ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, जो फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ बताए गए हैं।
परिवार का आरोप है कि अस्पताल में इलाज में देरी और संसाधनों की कमी के कारण पूनम की जान बचाई नहीं जा सकी। पीड़ित परिवार ने बताया कि पूनम मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी। शाम 8 बजे उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। डिलीवरी के तुरंत बाद डॉक्टर ने जांच और ब्लड टेस्ट के लिए भेजा, लेकिन लगभग एक घंटे बाद लौटने पर महिला की हालत बिगड़ चुकी थी।
पुनर्वास की मांग
महिला के ममिया ससुर ने बताया कि उन्हें बाजना से छतरपुर लाना पड़ा। अस्पताल में एंबुलेंस से लाने के बावजूद, एंबुलेंस चालक ने गेट पर ही महिला को छोड़ दिया। बुजुर्ग महिला के साथ लगभग 6 बजे तक गेट पर इंतजार करना पड़ा, फिर ही वार्ड में भर्ती किया गया। परिवार का कहना है कि समय पर उचित इलाज और ब्लड की उपलब्धता से पूनम की जान बच सकती थी।
संक्रमण और पूर्व स्वास्थ्य स्थिति
सीएमएचओ आरपी गुप्ता ने बताया कि पूनम को पहले से पीलिया की समस्या थी। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी तरह जांच के लिए विशेष टीम बनाई जा रही है। दोनों नवजात बच्चे फिलहाल सुरक्षित और स्वस्थ हैं।
परिवार की चिंता
पीड़ित परिवार की चिंता यह भी है कि पूनम की डेढ़ साल की एक बच्ची पहले से है और पति गुजरात में मजदूरी करता है। परिवार ने अस्पताल प्रशासन से जवाबदेही और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की मांग की है।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com