टीकमगढ़ न्यूज़। बल्देवगढ़ तहसील के ग्राम सुजानपुरा के जवाहरपुरा मोहल्ले में एक गंभीर ज़मीनी विवाद ने पूरे मोहल्ले की राह मुश्किल कर दी है। गांव की विक्रय से प्रतिबंधित पट्टे की भूमि को बिना सक्षम अनुमति के एक दबंग व्यक्ति ने खरीद लिया और कब्जा कर ग्रामीणों के आने-जाने का एकमात्र रास्ता बंद कर दिया। अब स्कूली बच्चे स्कूल और आंगनबाड़ी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
विवादित भूमि से होकर जाता था रास्ता
यह विवाद खसरा नंबर 901, 902, 903, 904, 904/अ से जुड़ा है, जो गंगू पिता सुनुआ अहिरवार के नाम पर पट्टे की भूमि के रूप में दर्ज है। यह भूमि धारा 165 (7ख) के अंतर्गत विक्रय से प्रतिबंधित थी, बावजूद इसके इस भूमि का गुपचुप तरीके से विक्रय कर दिया गया। रामप्रसाद यादव नामक व्यक्ति ने यह जमीन खरीद ली और रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया।
बिना अनुमति हुआ नामांतरण
ग्रामीणों के अनुसार पहले तहसीलदार कमलेश कुशवाहा ने 2019 में इस भूमि को कंप्यूटर रिकॉर्ड में विक्रय से प्रतिबंधित दर्ज किया था। परंतु वर्ष 2022 में तहसीलदार अनिल गुप्ता द्वारा बिना स्थल निरीक्षण और बिना सार्वजनिक सूचना के इस भूमि का नामांतरण कर दिया गया।
अपर कलेक्टर ने दी राहत
ग्रामीणों की शिकायत पर अपर कलेक्टर न्यायालय ने मामले में सुनवाई की और आदेश दिया कि यह भूमि विक्रय से प्रतिबंधित ही मानी जाएगी। साथ ही इस पर की गई रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया गया। आदेश के बाद राजस्व और पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों का रास्ता खुलवाया गया।
बार-बार कर रहा कब्जा, ग्रामीण परेशान
हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि दबंग रामप्रसाद बार-बार रास्ता बंद कर देता है, जिससे फिर से समस्या खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
तहसीलदार ने दी सफाई
जब इस विषय पर तत्कालीन तहसीलदार अनिल गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा, “पहले की पूरी जानकारी नहीं थी। अगर अपर कलेक्टर का आदेश आया है तो रजिस्ट्री शून्य की जाएगी। सभी नामांतरण कार्य कैंप के माध्यम से और पटवारी की रिपोर्ट पर आधारित होते हैं, फिर भी फाइल की जांच कराई जाएगी।”
ग्रामीणों को मिली राहत, लेकिन प्रशासन से जवाबदेही की उम्मीद बाकी
यह मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है — एक तहसीलदार ने जहां भूमि को प्रतिबंधित घोषित किया, वहीं दूसरे ने बिना जांच-पड़ताल उसका नामांतरण कर दिया। अब देखना होगा कि प्रशासन अपने ही अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करता है।
(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com