टीकमगढ़ न्यूज़ | दिगौड़ा थानाक्षेत्र में एक युवक द्वारा सोशल मीडिया पर कुशवाहा समाज के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को इस मुद्दे को लेकर जिले में भारी हंगामा हुआ। कुशवाहा समाज के करीब 5 हजार लोग प्रदर्शन करने टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचे और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सोशल मीडिया से शुरू हुआ विवाद, बना आंदोलन का कारण
घटना की शुरुआत कुछ दिन पहले उस समय हुई जब दिगौड़ा के सैराई गांव निवासी गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने फेसबुक पर कुशवाहा समाज के खिलाफ गाली-गलौज भरा एक वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो के वायरल होते ही समाज के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। उन्होंने तत्काल दिगौड़ा थाना पहुंचकर गजेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी और उसके विरुद्ध जिलाबदर की मांग की थी।
कुशवाहा समाज के लोगों पर हुई तत्काल कार्यवाही
गजेन्द्र ठाकुर के वीडियो के जवाब में कुशवाहा समाज के कुछ युवाओं ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया स्वरूप एक वीडियो साझा किया। इसी वीडियो के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज के 10 लोगों को 15 जुलाई के आसपास गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि गजेन्द्र ठाकुर की गिरफ्तारी 17 जुलाई को की गई, जबकि उसके खिलाफ पहले ही मामला दर्ज हो चुका था।
दोहरी कार्यवाही को लेकर भड़का समाज
प्रदर्शन कर रहे समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कुशवाहा समाज के वायरल वीडियो पर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही की, जबकि गजेन्द्र ठाकुर के मामले में शिकायतकर्ता को बुलाने की बात कहकर कार्यवाही में जानबूझकर देरी की गई।
पैदल मार्च, चक्का जाम और नारों से गूंजा कलेक्ट्रेट
शनिवार को टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, दमोह और उत्तर प्रदेश के झांसी, ललितपुर, महोबा जिलों से आए कुशवाहा समाज के लोग शहनाई गार्डन से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर लगभग तीन घंटे तक चक्का जाम की स्थिति रही। आंदोलनकारियों ने "कलेक्टर मुर्दाबाद", "एसपी मुर्दाबाद" जैसे तीखे नारे लगाए।
प्रशासन की समझाइश के बाद शांत हुआ मामला
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह और एसडीओपी राहुल कटरे मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। एडिशनल एसपी ने बताया कि जतारा एसडीओपी को इस मामले की जांच सौंपी गई है और जांच के आधार पर उचित वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन समाप्त किया।
समाज के नेता ने दी जानकारी
कुशवाहा समाज के वरिष्ठ नेता नंदराम कुशवाहा ने बताया कि आंदोलन में बुंदेलखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से समाज के लोग शामिल हुए। उन्होंने इसे समाज की एकता का उदाहरण बताया और प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।
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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com