चित्रकूट : राजनगर अस्पताल में डेढ़ साल से नियुक्त नहीं है कोई डॉक्टर

रोहित राजवैद्य
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चित्रकूट न्यूज़ | राजनगर क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होने पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। यह मामला 50 हजार की आबादी वाले क्षेत्र के नागरिकों के स्वास्थ्य अधिकारों से जुड़ा है, जहां अस्पताल की इमारत तो तैयार है लेकिन न डॉक्टर हैं, न दवाएं और न ही जरूरी मेडिकल सुविधाएं।



याचिकाकर्ता विकास प्रताप सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राजनगर के इस अस्पताल में डॉक्टरों के 15 पद स्वीकृत हैं, लेकिन अब तक एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई। इस कारण स्थानीय नागरिकों को मामूली इलाज के लिए भी दूर-दराज भटकना पड़ रहा है।


एडवोकेट सिद्धार्थ गोटियां

हाई कोर्ट की जस्टिस एके सिंह व जस्टिस अमित सेठ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, अनूपपुर कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि जब अस्पताल का शुभारंभ हो चुका है, तो डेढ़ साल बाद भी वहां चिकित्सा सेवाएं शुरू क्यों नहीं हो पाई हैं।


याचिका में यह भी बताया गया कि अस्पताल में न तो महिला डॉक्टर हैं और न ही एंटी रेबीज इंजेक्शन, जिससे गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार डिलीवरी नर्सों की मदद से करानी पड़ती है, जो गंभीर स्वास्थ्य खतरे पैदा कर सकती है। आवश्यक दवाएं भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, और पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या भी बहुत कम है।


याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ गोटिया ने पैरवी की। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई इसी माह के अंतिम सप्ताह में तय की है।



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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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