झांसी न्यूज़ | भीषण गर्मी और आसमान छूते तापमान के बीच झाँसी के ग्रामीण इलाकों में जल संकट ने विकराल रूप ले लिया है। पारा 45 डिग्री के करीब पहुँच चुका है और इसी के साथ ग्रामीणों की परेशानियाँ भी बढ़ती जा रही हैं। पानी की कमी से जूझ रहे बबीना ब्लॉक के खेलार कस्बे के सैकड़ों महिला-पुरुष आज सड़क पर उतर आए। तपती दोपहरी में ग्रामीणों ने सड़क जाम कर अपना आक्रोश जताया और कहा — “पानी मिलेगा, तभी हटेगा जाम।
गर्म दोपहरी में बुझे चेहरों और सूखे होंठों के साथ, बोतल और बाल्टी लिए महिलाएं जब सड़क पर उतरीं, तो हर किसी का दिल पसीज गया। गाँव की बुजुर्ग महिला सावित्री देवी ने रोते हुए कहा, “बिटिया, हर साल ऐसे ही प्यास से तड़पते हैं हम। न कुआँ भरा, न टंकी में पानी। सरकार कहती है हर घर जल, पर हमारे हिस्से में तो बस सूखी पाइप और वादे आए हैं।
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने बताया कि कई दिनों से पानी की सप्लाई ठप है। न तो टैंकर आ रहे हैं और न ही बोरवेलों में पानी बचा है। मजबूरी में बच्चों को आधा-आधा गिलास पानी दे रहे हैं। “प्यास से तड़पते मासूम बच्चों को जब देखती हूँ, तो कलेजा कांप उठता है,” महिला रामप्यारी ने गुस्से और बेबसी से कहा।
सरकार की ‘हर घर नल, हर घर जल योजना’ भी इस गाँव में महज़ एक दिखावा बनकर रह गई है। गाँव की गलियों में बिछाई गई पाइपलाइन तो है, पर उससे पानी नहीं आता। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
जैसे ही इस जाम की सूचना प्रशासन और पुलिस को मिली, मौके पर अधिकारी और पुलिस बल पहुँचा। पुलिस ग्रामीणों को समझाने में लगी है, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका साफ कहना है — “जब तक पीने का पानी नहीं मिलेगा, जाम नहीं खुलेगा।
झाँसी की इस भयावह तस्वीर ने एक बार फिर से सरकारी दावों की पोल खोल दी है। गर्मी अपने चरम पर है, जलस्रोत सूख चुके हैं, और प्यासे लोगों की आँखें आसमान की तरफ टिकी हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गहराते संकट का समाधान कब और कैसे करता है।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com