विधायक रवि शर्मा बोले : विशेष समुदाय हिंदू परंपराओं की ओर बढ़ रहा

आशुतोष नायक
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झांसी न्यूज़ | झांसी में भाजपा के सदर विधायक रवि शर्मा ने सरकार के आठ साल पूरे होने पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि एक विशेष समुदाय में सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव देखने को मिल रहा है। उनके अनुसार, अब मुस्लिम महिलाएं पहले की तरह बुर्का नहीं पहन रही हैं और शादी-विवाह की परंपराओं में भी बड़ा परिवर्तन हो रहा है।




समुदाय में बदलती परंपराएं

विधायक रवि शर्मा ने कहा कि जिन लोगों ने पहले इस्लाम धर्म को अपनाया था, अब वे फिर से हिंदू संस्कृति की ओर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, आज अगर उनकी शादियों में जाएं, तो महिलाएं पारंपरिक बुर्के की बजाय साज-श्रृंगार के साथ नजर आती हैं। पहले जहां दो कमरों में निकाह की रस्म पूरी कर ली जाती थी, वहीं अब बड़े मंच पर विवाह हो रहे हैं और बारातें धूमधाम से निकल रही हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव रातोंरात नहीं आया है, बल्कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है। उनके अनुसार, जितना समय एक समुदाय विशेष को धर्मांतरण में लगा था, उतना ही समय अब उन्हें वापसी में भी लगेगा। लेकिन यह तय है कि लोग अपनी जड़ों की ओर लौट रहे हैं।

घर वापसी की प्रक्रिया जारी

विधायक शर्मा ने दावा किया कि इस समुदाय के कई लोग अब हिंदू रीति-रिवाजों को अपनाने लगे हैं। उन्होंने कहा, "पहले जहां दो कमरों में निकाह होता था, अब विवाह बड़े समारोह के रूप में किए जा रहे हैं। महिलाएं बुर्के की बजाय पार्लर से तैयार होकर शादी में शामिल हो रही हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग औरंगजेब और बाबर की विचारधारा का समर्थन करते थे, उनकी संख्या में कमी आई है। उनका मानना है कि देश के बंटवारे के बाद जो लोग यहां रह गए थे, वे मूल रूप से हिंदू ही थे और अब वे अपनी पुरानी परंपराओं की ओर लौट रहे हैं।

नवरात्रि में मीट बिक्री पर रोक की मांग

इसके अलावा, विधायक रवि शर्मा ने नवरात्रि के दौरान मांस बिक्री पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस पवित्र पर्व के दौरान मांसाहार पूरी तरह बंद रहना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से इस संबंध में सख्त कदम उठाने की मांग करते हुए कहा, जब लोग मांसाहार करेंगे ही नहीं, तो दुकानों को खोलने की जरूरत ही क्या है? नवरात्र में सभी मांस की दुकानों को बंद किया जाना चाहिए।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

विधायक के इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे सामाजिक परिवर्तन का संकेत मान सकते हैं, वहीं दूसरी ओर इस पर विवाद भी खड़ा हो सकता है। अब देखना होगा कि उनके इस बयान पर प्रशासन और अन्य राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया रहती है।


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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com

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