झांसी। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने झांसी में विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने वर्षों तक समाज को अंधकार में रखा और उनके अधिकारों को छीनने का काम किया। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। जो लोग पहले अपने अधिकारों से वंचित थे और केवल तमाशबीन बने रहते थे, वे अब अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जब से बम आए हैं, तब से समाज के पौवा पीने वाले भी अपने अधिकारों के लिए झंडा उठा रहे हैं।"
फिशरमैन को पौवा पिलाकर फिसला दिया, अब वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं
सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. संजय निषाद ने संविधान में दिए गए 66 समूहों का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा, बुद्धि और सामाजिक स्तर पर पिछड़े समाज को अधिकार मिलने थे, लेकिन निषाद समाज के साथ अन्याय किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि फिशरमैन समुदाय को उनके अधिकारों से दूर रखने के लिए उन्हें कमजोर किया गया। कहा, "फिशरमैन को पौवा पिलाकर फिसला दिया गया, जबकि लैदरमैन और वॉशरमैन को लाभ मिल गया।"
उन्होंने निषाद समाज से जागरूक होने का आह्वान किया और कहा कि जब दलितों, पासियों और अन्य वर्गों ने संघर्ष करके आरक्षण प्राप्त किया, तो निषाद समाज को भी अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा। उन्होंने आरक्षण को गरीबी की दवाई बताते हुए कहा कि यदि कोई इसे पाना चाहता है, तो उसे सड़क पर आकर अपनी ताकत दिखानी होगी।
200 सीटों पर मजबूत होगी निषाद पार्टी
डॉ. संजय निषाद ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां-जहां निषाद समाज के 50 हजार से 1 लाख वोट हैं, वहां पार्टी को मजबूत किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने खुद के चुनाव लड़ने पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि निषाद पार्टी प्रदेश में 200 सीटों पर मजबूती से खड़ी होगी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा, "जब तक हम इन्हें जिताएंगे नहीं, तब तक वे हमें आरक्षण कैसे देंगे? उन्हें यह अहसास कराना जरूरी है कि निषाद समाज ने उन्हें सत्ता में भेजा है।"
1994 में खत्म किया आरक्षण, हमारे लोग बन गए थे विभीषण
डॉ. संजय निषाद ने आरोप लगाया कि निषाद समाज का आरक्षण 1994 में ही खत्म कर दिया गया था। इसके पीछे उन्होंने अपने ही समाज के कुछ नेताओं को दोषी ठहराया, जो मंत्री बनने की लालसा में सपा, बसपा और कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा—
"हमारे निषाद बन गए थे अंधा,
सपा, बसपा और कांग्रेस का चल गया झूठ का धंधा,
अब हमारे निषाद खा रहे पीठ पर डंडा।"
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि निषाद समाज सच्चे नेताओं को पहचाने और अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूती से खड़ा हो।
राजस्थान में कैसे मिला आरक्षण, हमें भी मिलेगा
डॉ. संजय निषाद ने उदाहरण देते हुए बताया कि जब राजस्थान में अपर कास्ट ने आरक्षण की मांग उठाई, तो उन्हें तुरंत 10 प्रतिशत का लाभ मिल गया। उन्होंने निषाद समाज से अपील की कि यदि वे एकजुट होकर अपनी मांगें रखेंगे, तो उन्हें भी उनका हक जरूर मिलेगा।
अब नहीं चलेगा झूठ का धंधा
अपने संबोधन के अंत में डॉ. संजय निषाद ने कहा कि निषाद समाज को बहकाने और गुमराह करने का झूठा धंधा अब और नहीं चलेगा। उन्होंने सभी से जागरूक होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने की अपील की।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com