लापता दरोगा का शव यमुना नदी में मिला

आशुतोष नायक
0

जालौन न्यूज़ | जालौन  में आठ दिन से लापता सब-इंस्पेक्टर का शव यमुना नदी में मिला है। मृतक की पहचान जितेंद्र (32) पुत्र गया प्रसाद के रूप में हुई, जो आगरा कमिश्नरेट में तैनात थे। वह 28 फरवरी को छुट्टी लेकर अपने घर आए थे, लेकिन उसी दिन रहस्यमय तरीके से लापता हो गए।


छुट्टी पर घर आया था, दोस्त से मिलने की बात कहकर निकला

मूल रूप से उरई नगर के राजेंद्र नगर मोहल्ला का रहने वाला जितेंद्र उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर था। 28 फरवरी को वह आगरा से छुट्टी लेकर घर आया था। उसी दिन उसने घर पर अपना बैग रखा और दोस्त से मिलने की बात कहकर बाहर चला गया।

शाम तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने फोन मिलाने की कोशिश की, लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। परिजनों ने अगले दिन उसकी गुमशुदगी की सूचना उरई कोतवाली में दी, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।

ग्रामीणों को नदी में मिला शव

शनिवार देर शाम कालपी कोतवाली क्षेत्र के रायढ दिवारा गांव में ग्रामीणों ने यमुना नदी में एक अधखिला शव देखा। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकाला और तलाशी ली, तो उसकी जेब से पुलिस कार्ड मिला, जिससे उसकी पहचान जितेंद्र के रूप में हुई।

पहचान करना मुश्किल, शव कई दिनों पुराना

शव कई दिनों पुराना था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि शव कई दिनों से पानी में था, जिसके कारण वह बुरी तरह खराब हो चुका था।

कालपी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक परमहंस तिवारी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर परिजनों को सूचना दी गई है।

हत्या या आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच

अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जितेंद्र की मौत हत्या है या आत्महत्या। पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

परिजन इस मौत को लेकर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। फिलहाल, पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आखिरी बार जितेंद्र किससे मिला था और उसकी मौत किन हालातों में हुई।


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top