निवाड़ी न्यूज़ | निवाड़ी जिले के अछरू माता मंदिर में पुजारी नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह मंदिर क्षेत्र में आस्था का बड़ा केंद्र है, जहां सालभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। हाल ही में मंदिर के पुजारी पद को लेकर प्रशासनिक निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं, जिससे स्थानीय समाज के दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं।
पुजारी नियुक्ति का फैसला और विवाद की जड़
प्रशासन द्वारा मंदिर में पुजारी नियुक्त करने का फैसला एक परंपरा को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया का हिस्सा बताया जा रहा है, लेकिन स्थानीय यादव समाज का दावा है कि यह फैसला उनकी धार्मिक परंपरा के खिलाफ है। यादव समाज का कहना है कि उनके पूर्वजों ने सदियों से इस मंदिर की पूजा-अर्चना की है और यह जिम्मेदारी उनकी विरासत का हिस्सा है।
दूसरी ओर, प्रशासन का पक्ष है कि मंदिर के संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए पुजारी नियुक्ति आवश्यक थी। इसी के तहत नए पुजारी की नियुक्ति की गई, लेकिन इस फैसले को लेकर स्थानीय यादव समाज में असंतोष पनप रहा है।
दो पक्षों की दलीलें
- यादव समाज का मत – उनका कहना है कि यह मंदिर उनकी परंपरा से जुड़ा हुआ है और पीढ़ियों से वे ही यहां पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। प्रशासन को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और पुजारी नियुक्त करने का अधिकार उनके परिवार को मिलना चाहिए।
- नवनियुक्त पुजारी का पक्ष – नवनियुक्त पुजारी का कहना है कि यह विवाद अनावश्यक रूप से खड़ा किया जा रहा है। मंदिर में पूजा करने के नियम पहले से तय हैं, और सभी परंपराओं का पालन किया जा रहा है।
आगे क्या?
प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को लेकर पंचायत बुलाई जा सकती है। स्थानीय श्रद्धालु भी इस विवाद को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि अछरू माता मंदिर क्षेत्र की आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। अगर समाधान जल्द नहीं निकला, तो यह विवाद और बढ़ सकता है।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com