टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ जिले के पलेरा थाना क्षेत्र के करौला गांव में 15 मार्च की रात हुए दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह हत्याकांड जमीन विवाद के चलते हुआ था, जिसमें एक ही परिवार के लोगों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर रामकिशन अहिरवार और उनकी पत्नी रामबाई की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने कैसे पकड़े आरोपी?
हत्या के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना प्रभारी पलेरा के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। छापेमारी कर पुलिस ने मुख्य आरोपी नंदराम अहिरवार सहित गोवर्धन अहिरवार, बाबूलाल अहिरवार, कन्हैया अहिरवार, पंचुआ अहिरवार, कल्लन उर्फ शांति अहिरवार, दुर्गीबाई, चंदा बाई और भागवती को गिरफ्तार कर लिया। सभी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कैसे हुआ था विवाद?
करौला गांव के बाहर रामकिशन अहिरवार अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके दादा के पास 65 बीघा जमीन थी, लेकिन दादा की मानसिक स्थिति ठीक न होने का फायदा उठाकर उनके दूर के रिश्तेदार नंदराम अहिरवार ने 10 साल पहले आधी जमीन अपने नाम करवा ली थी। इसके बाद वह बाकी जमीन पर भी कब्जा करना चाहता था। रामकिशन ने इस मामले में कोर्ट में केस दायर कर दिया था, जिससे आरोपी पक्ष नाराज था और कई बार धमकी भी दे चुका था।
वारदात की रात क्या हुआ?
15 मार्च की रात करीब 9 बजे रामकिशन अहिरवार अपने घर के बाहर खटिया पर लेटे थे। तभी नंदराम अहिरवार और बाबूलाल अहिरवार वहां से गुजर रहे थे, इस दौरान रामकिशन के पालतू कुत्ते ने भौंकना शुरू कर दिया। इस पर नंदराम ने गुस्से में कह दिया कि "तुझे और तेरे मालिक दोनों को मारेंगे।" रामकिशन ने जवाब दिया कि "जानवर से क्यों बोल रहे हो, मुझसे कहो।" इसी बात पर कहासुनी हो गई, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने दोनों को समझाकर मामला शांत करवा दिया।
रामकिशन अपने घर चले गए और परिवार के साथ सो गए। लेकिन रात करीब 11 बजे नंदराम अपने बेटों और रिश्तेदारों के साथ लाठी-डंडों और लोहे की रॉड लेकर घर पर हमला करने आ गया। उन्होंने रामकिशन को घसीटकर सड़क पर ले जाकर बेरहमी से पीटा। जब पत्नी रामबाई उन्हें बचाने दौड़ीं, तो हमलावरों ने उन्हें भी मार डाला। शोर सुनकर बेटा लालाराम और दोनों बहनें बाहर आईं, लेकिन हमलावरों ने उन्हें भी पीटना शुरू कर दिया। जान बचाने के लिए लालाराम पहाड़ पर चढ़ गया और वहीं से पुलिस को फोन किया। लेकिन पुलिस देर रात तक नहीं पहुंची।
रातभर लाशें सड़क पर पड़ी रहीं
वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। रामकिशन और उनकी पत्नी की लाशें सड़क पर पड़ी रहीं, जबकि उनकी बेटियां पूरी रात डरी-सहमी बैठी रहीं। लालाराम पहाड़ से उतरने की हिम्मत नहीं कर सका। सुबह होते ही गांव के सरपंच लोकेंद्र मिश्रा को घटना की जानकारी मिली। उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लिया।
गांव में तनाव, पुलिस बल तैनात
हत्या के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया है ताकि कोई और अप्रिय घटना न हो। फिलहाल सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और मामले की जांच जारी है।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com