जालौन न्यूज़ | जालौन में 13 साल पहले हुए एक जानलेवा हमले के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को छह दोषियों को सजा सुनाते हुए एक आरोपी को 10 साल और बाकी पांच को 3-3 साल के कारावास की सजा दी। इसके साथ ही सभी पर 13-13 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। सजा सुनाए जाने के बाद सभी को हिरासत में लेकर उरई जिला कारागार भेज दिया गया।
क्या था मामला
यह घटना 4 फरवरी 2012 की है, जब उरई कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मगरायां निवासी शिवकुमार द्विवेदी पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया था। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस वारदात में गांव के ही रामसिया चतुर्वेदी, रामस्वरूप चतुर्वेदी, उदयभान, संतोष, राजीव और आनंद कुमार शामिल थे।
लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आया फैसला
पीड़ित की शिकायत पर सभी आरोपियों के खिलाफ उरई कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। 13 जून 2012 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई और 10 जुलाई 2013 को आरोप तय हुए। 13 साल तक चली सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गुप्ता ने दोषियों को सजा सुनाई।
इस दौरान एक अन्य आरोपी राम गोरे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। अदालत ने उदयभान चतुर्वेदी को सबसे गंभीर दोषी मानते हुए 10 साल की सजा और 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि अन्य पांच दोषियों को 3-3 साल की सजा के साथ समान जुर्माना लगाया गया।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com