उरई (जालौन): महिला से दुष्कर्म के दोषी पाए गए मौलाना को अदालत ने 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भारतेंद्र सिंह की अदालत ने सुनवाई के बाद सुनाया। यदि दोषी जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
पति से विवाद सुलझाने गई महिला को बना दिया शिकार
यह मामला उरई कोतवाली क्षेत्र का है। पीड़िता ने 14 जनवरी 2024 को पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि उसका पति से विवाद चल रहा था। विवाद का समाधान निकालने के लिए वह मौलाना शफीक कादरी के पास गई थी। मौलाना ने उसे तंत्र-मंत्र और वशीकरण के जरिए समस्या सुलझाने का झांसा दिया और महिला को वशीकरण ताबीज बनाने की बात कही।
दुआ और जादू-टोने के नाम पर बनाया हवस का शिकार
शासकीय अधिवक्ता अनूप उपाध्याय ने अदालत में बताया कि मौलाना ने महिला को दुआ के बहाने जादू-टोना किया। इस प्रक्रिया के दौरान महिला अचेत हो गई। मौलाना ने अपनी बेटी से पानी मंगवाया और बेहोश पीड़िता को पिला दिया। इसके बाद वह महिला को दूसरे कमरे में ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
जान से मारने की धमकी देकर किया चुप रहने पर मजबूर
पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी ने उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। डर और शर्म के कारण महिला कुछ दिनों तक चुप रही, लेकिन फिर हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
अदालत ने गवाहों और सबूतों के आधार पर दोषी करार दिया
इस मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौलाना को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। अदालत में सुनवाई के दौरान गवाहों और सबूतों के आधार पर मौलाना को दोषी पाया गया।
सोमवार को हुई अंतिम सुनवाई में न्यायाधीश ने दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि दोषी जुर्माना अदा नहीं करता, तो उसे अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com