पहले भी दी थी धमकियां, महिला ने कई बार की थी शिकायत, लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई
जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रामपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम फतेहपुरा टीहर में पारिवारिक विवाद के चलते एक पांच बच्चों की मां की हत्या कर दी गई। बुधवार शाम 50 वर्षीय रामश्री पर उसके देवर शिवकुमार ने घात लगाकर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
खेत से लौटते समय हुआ जानलेवा हमला
बुधवार की शाम रामश्री खेत से चारा लेकर घर लौट रही थी, तभी उमरी माइनर के पास पहले से घात लगाए बैठे देवर शिवकुमार और उसके साथियों ने उस पर हमला कर दिया। शिवकुमार ने रामश्री के सिर और गर्दन पर ताबड़तोड़ वार किए, जिससे वह मौके पर ही गिर गई और उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया, ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद माधौगढ़ के क्षेत्राधिकारी राम सिंह और रामपुरा थाने के प्रभारी निरीक्षक संजीव कटियार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी।
सात साल से चल रहा था पारिवारिक विवाद
जानकारी के मुताबिक, रामश्री सात साल से संतोष कुमार के साथ रह रही थी, जिनसे उनका एक बेटा भी है। इससे पहले रामश्री की दो और शादियां हो चुकी थीं, लेकिन पति की मौत के बाद वह संतोष कुमार के साथ रहने लगी।
रामश्री के देवर शिवकुमार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था और इसी को लेकर दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। शिवकुमार कई बार महिला को घर से निकालने और जान से मारने की धमकी दे चुका था।
महिला ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा, नहीं मिली मदद
रामश्री को अपने देवर से खतरा था, इसलिए उसने कई बार पुलिस और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
गांव वालों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से यह हत्या हुई है। पहले ही पुलिस को जानकारी थी कि आरोपी महिला को धमका रहा है, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
पुलिस का बयान और मौजूदा कार्रवाई
इस हत्याकांड के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। माधौगढ़ के सीओ राम सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपी की तलाश जारी है। महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल उठता है कि अगर पुलिस ने पहले ही महिला की शिकायतों को गंभीरता से लिया होता, तो क्या आज यह हत्या नहीं रुक सकती थी?
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com