झांसी में चार पहिया लोडिंग और पिकअप वाहन चालकों ने अपनी गाड़ियों को सड़कों से हटा लिया है। उनका कहना है कि जो आमदनी होती है, उससे अधिक जुर्माने और चालान में देना पड़ रहा है, जिससे उनका गुजारा मुश्किल हो गया है। इसके विरोध में चालकों ने हड़ताल का ऐलान करते हुए आरटीओ कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग की।
चार दिनों से गाड़ियां बंद, प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप
पिछले चार दिनों से पिकअप और लोडिंग वाहन चालक अपनी गाड़ियों का संचालन बंद कर चुके हैं। सोमवार को उन्होंने कृषि मंडी में एकत्र होकर विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने परिवहन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि आरटीओ अधिकारी जबरन गाड़ियों को रोककर ओवरलोड और फिटनेस के नाम पर चालान काट रहे हैं। इस कार्रवाई से परेशान वाहन मालिकों और चालकों ने चेतावनी दी कि अगर उत्पीड़न नहीं रुका तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
30-40 हजार तक के चालान से परेशान गरीब चालक
बुंदेलखंड पिकअप वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सूरज सिंह यादव के नेतृत्व में चालकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीओ विभाग बिना किसी ठोस कारण के चालकों से 30 से 40 हजार रुपये तक का चालान वसूल रहा है। ऐसे में उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो गया है। एसोसिएशन के महामंत्री शानू भाई, कोषाध्यक्ष नरेश कुमार, संगठन मंत्री हरदयाल, सोनू चौधरी, उपाध्यक्ष असलम खान समेत कई चालक इस प्रदर्शन में शामिल रहे।
मंडी व्यापार पर पड़ा असर
पिकअप और लोडिंग वाहनों की हड़ताल का सीधा असर व्यापार पर भी दिखने लगा है। मंडी में माल की लोडिंग और अनलोडिंग रुकने से व्यापारी परेशान हो गए हैं। सोमवार को व्यापारियों ने कई चालकों से माल ढुलाई के लिए आग्रह किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। चालकों का कहना है कि अगर वे माल ढुलाई करते हैं, तो जितना किराया मिलेगा, उससे ज्यादा चालान भरना पड़ जाएगा।
अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकला, तो व्यापारी और वाहन चालक दोनों ही मुश्किल में आ सकते हैं।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com