झांसी | जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का माहौल गर्म हो चुका है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर लगातार तेज़ हो रहा है और दावेदार मैदान में उतरने लगे हैं। जिला पंचायत वार्ड नंबर 1 पूँछ सीट इस बार खास चर्चाओं में है। यहां यादव समाज से ताल्लुक रखने वाले महज़ 24 वर्षीय युवा चेहरा कवेंद्र यादव उर्फ ( उत्तम ) अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। यह सीट इस बार इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि कवेंद्र वार्ड-1 से चुनाव लड़ने वाले अब तक के सबसे कम उम्र के प्रत्याशी हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
कविंद्र यादव का मूल निवास तहसील मोठ का पूँछ गांव है। उनके पिता राजकुमार यादव परिवार के स्तंभ थे, लेकिन वर्ष 2022 में एक सड़क हादसे में उनका निधन हो गया। उस समय कवेंद्र की उम्र मात्र 21 वर्ष थी। पिता के निधन के बाद अचानक परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। कम उम्र में ही परिवार का सहारा बनकर उन्होंने संघर्ष और जिम्मेदारी का जो उदाहरण दिया, उसने उन्हें गांव-समाज में अलग पहचान दिलाई।
शैक्षिक योग्यता
कवेंद्र यादव ने शुरुआती शिक्षा पूँछ कस्बे के सरस्वती ज्ञान मंदिर से प्राप्त की। इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी इसी विद्यालय से पूरी की। इसके बाद वर्ष 2022 में रामस्वरूप यादव महाविद्यालय, पूँछ से उन्होंने स्नातक (B.A.) की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही सामाजिक सरोकारों से जुड़कर वे समाज सेवा में सक्रिय हो गए।
राजनीतिक सफर
कविंद्र यादव का सीधा राजनीतिक सफर भले न रहा हो, लेकिन उन्होंने हमेशा क्षेत्र की विकास गति को करीब से देखा और महसूस किया। उनका मानना है कि पूँछ क्षेत्र का विकास पिछड़ गया है और गली-मोहल्लों तक तरक्की की रफ्तार बहुत धीमी है।
कवेंद्र कहते हैं कि वे किसी संपन्न परिवार से ताल्लुक नहीं रखते कि सीधे विधानसभा चुनाव लड़ सकें, लेकिन वे जिला पंचायत सदस्य बनकर क्षेत्र की जनता की आवाज़ बुलंद करेंगे और विकास की रफ्तार को दोगुना करेंगे।
काम और उपलब्धियां
कवेंद्र दिखावे और प्रचार से दूर रहकर चुपचाप लोगों की सेवा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कभी भी किसी की मदद कर सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा नहीं कीं, क्योंकि उनके लिए सेवा का मतलब सच्चा कर्म है, न कि प्रचार। कोरोना काल में जब प्रवासी मजदूर और गरीब तबका परेशान था, तब उन्होंने राशन-पानी और खाने की व्यवस्था कराई। गांव के जरूरतमंदों के लिए बिना किसी चर्चा और दिखावे के सहयोग करते रहे। उनका स्पष्ट कहना है कि जिला पंचायत सदस्य बनकर उनका सबसे बड़ा काम जनता की सेवा करना होगा। उनका सपना है कि पूँछ क्षेत्र विकास और तरक्की की पहचान बने और लोग इसे कवेंद्र यादव के नाम से जानें।
जीवन का संघर्ष
कवेंद्र बताते हैं कि पिता के जीवित रहते संघर्ष का कोई बड़ा अनुभव नहीं था, लेकिन वर्ष 2022 में एरच थाना क्षेत्र में हुए सड़क हादसे ने उनकी ज़िंदगी बदल दी। पिता राजकुमार यादव की मौत के बाद पूरे परिवार का भार उनके कंधों पर आ गया। कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ उठाना उनके लिए कठिन था, लेकिन उन्होंने हिम्मत और धैर्य से हालातों का सामना किया और परिवार का सहारा बने। यही संघर्ष उन्हें राजनीति और समाज सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
जनता के बीच प्रमुख मुद्दे
कविंद्र यादव जनता के बीच सबसे बड़ा मुद्दा विकास को लेकर उठा रहे हैं। गांवों और कस्बों में गली-मोहल्ले अब भी बदहाल हैं। सड़कें टूटी-फूटी हैं और नालियों की व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
कवेंद्र का कहना है कि यदि जनता उन्हें जिला पंचायत सदस्य चुनती है तो उनका पहला लक्ष्य होगा कि पूँछ वार्ड-1 में विकास की गूंज हर घर तक पहुंचे और कोई भी गली-मोहल्ला पिछड़ा न रह जाए।
( रिपोर्टर पलक श्रीवास ) Bundelivarta.com