झांसी | जैसे-जैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं, वैसे ही भरोसा वार्ड-3 में राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। गाँव-गाँव में चर्चा है कि इस बार मैदान में कौन-कौन उतरेगा और जनता किस पर भरोसा जताएगी। 2021 के चुनाव में जहाँ 8 प्रत्याशी मैदान में थे, वहीं अब 2026 की तैयारियों के बीच करीब आधा दर्जन नाम चर्चा में हैं। राजनीतिक समीकरणों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है — इस बार जनता किसे चुनेगी?
दावेदारों की बढ़ती कतार
पूंछ क्षेत्र के भरोसा वार्ड-3 से इस बार ओबीसी वर्ग से लगभग आधा दर्जन नाम चर्चाओं में हैं। इनमें चंदू छपार, पहलाद लल्ला अटरिया, प्रज्ञा सिंह राजपूत, मोहित राजपूत और प्रशांत राजपूत के नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं।
हालांकि, सीटों के आरक्षण का ऐलान होने के बाद यह संख्या घट भी सकती है और कुछ नए चेहरे भी मैदान में उतर सकते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले चुनाव में जनता ने जातिगत समीकरण से अधिक उम्मीदवार की साख और कार्यशैली पर भरोसा जताया था, इसलिए इस बार भी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
2021 का चुनाव परिणाम
पवन कुमार गौतम ने 7420 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, जबकि कृष्ण कुमार 7136 वोटों के साथ रनर-अप रहे थे।
बाकी छह प्रत्याशी — सतीश जतारिया, रामचरन, गयादीन अहिरवार, राजेन्द्र सिंह, गयाप्रसाद और आरती जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए।
उस चुनाव में कुल 42,629 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें से 33,009 वोट डाले गए। इनमें 2,991 मत अमान्य घोषित किए गए, और शेष 30,018 वैध मतों पर हार-जीत का फ़ैसला हुआ।
2026 की तैयारी और संभावनाएँ
आरक्षण की घोषणा के बाद समीकरण बदल सकते हैं और कई संभावित उम्मीदवार बाहर भी हो सकते हैं।
ग्रामसभा में लोग अब जागरूक हैं और हर प्रत्याशी के पिछले कार्यकाल की तुलना कर रहे हैं।
जनता का कहना है — “हम इस बार वादों पर नहीं, काम पर वोट देंगे।”
अंतिम तस्वीर चुनावी मैदान में तय होगी
कुल मिलाकर, भरोसा वार्ड-3 की सीट पर दावेदारी तो कई हैं, लेकिन असली तस्वीर वोटों के बंटवारे और आरक्षण के बाद ही साफ़ होगी।
पिछले चुनाव में जनता ने यह दिखा दिया था कि भीड़ में खड़े हर प्रत्याशी को समर्थन नहीं मिलेगा।
अब देखना यह होगा कि 2026 में जनता किस पर भरोसा जताती है —
क्या कोई नया चेहरा उभरेगा या फिर पुराने दावेदार अपनी पकड़ बरकरार रखेंगे?
( रिपोर्टर पलक श्रीवास ) Bundelivarta.com



