टीकमगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार हरि विष्णु अवस्थी का निधन
टीकमगढ़। साहित्य जगत के वरिष्ठ हस्ताक्षर और प्रतिष्ठित शिक्षक हरि विष्णु अवस्थी का गुरुवार को निधन हो गया। 93 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से न केवल टीकमगढ़, बल्कि पूरे बुंदेलखंड में शोक की लहर है।
अवस्थी जी ने अपने जीवनकाल में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। वे हमेशा सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे और युवा पीढ़ी को नई दिशा देने का काम करते रहे। तीन साल पहले उन्होंने मानवता की सेवा के लिए देह दान का संकल्प लिया था।
पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर देकर दी श्रद्धांजलि
शुक्रवार को दतिया मेडिकल कॉलेज की टीम उनके पार्थिव शरीर को लेने टीकमगढ़ पहुंची। इस दौरान परिजनों ने अवस्थी जी की अंतिम इच्छा को पूरा किया और उनके शरीर को मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया। मेडिकल कॉलेज में पुलिस जवानों ने उनके पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मेडिकल कॉलेज का स्टाफ, परिजन और साहित्य प्रेमी इस मौके पर मौजूद रहे। समाजसेवी राजेंद्र अध्वर्यु ने बताया कि अवस्थी जी ने 15 फरवरी 2023 को देह दान का फॉर्म भरा था, जिसे कॉलेज प्रशासन ने स्वीकार कर लिया था।
अवस्थी जी ने साहित्य जगत में एक दर्जन से अधिक किताबें लिखीं, जिनमें ‘बुंदेलखंड का जल प्रबंधन’, ‘बुंदेलखंड की कवियात्रियां’ और ‘बुंदेलखंड में महात्मा गांधी की यात्राएं और स्वतंत्रता संग्राम’ प्रमुख हैं। उन्होंने पांच अभिनंदन ग्रंथों का संपादन भी किया।
उनकी रचनाएं न केवल बुंदेलखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को उजागर करती हैं बल्कि समाज को नई दिशा देने का कार्य भी करती हैं। साहित्यकारों और पाठकों का मानना है कि अवस्थी जी का जाना साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
( रिपोर्टर पलक श्रीवास ) Bundelivarta.com




