तहसील परिसर में किसान ने की जान देने की कोशिश
शुक्रवार शाम करीब चार बजे सागर जॉन के डिप्टी कमिश्नर मोहनगढ़ तहसील का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उसी दौरान एक पीड़ित किसान घनश्याम प्रजापति अपनी समस्या सुनाने पहुँचा। किसान ने राहत राशि को लेकर कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाए थे, लेकिन समाधान न होने से वह बेहद परेशान था। जब तहसील के कर्मचारियों ने उसे डिप्टी कमिश्नर से मिलने से रोकने और गुमराह करने की कोशिश की तो किसान भड़क उठा।
किसान अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर तहसील परिसर में पहुँच गया और वहाँ जमकर हंगामा करने लगा। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि किसान लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा था लेकिन उसकी बात सुनने वाला कोई नहीं था
इसी बीच हंगामे से परेशान होकर किसान के बेटे ने तहसील के मुख्य गेट पर रस्सी बांधकर आत्महत्या करने की कोशिश कर डाली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि युवक ने गले में फांसी का फंदा डालने का भरसक प्रयास किया। जैसे ही यह दृश्य सामने आया तो मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
पास ही मौजूद पटवारी और स्थानीय लोगों ने तुरंत युवक को पकड़कर उसकी जान बचाई। अगर थोड़ी भी देर हो जाती तो बड़ी घटना हो सकती थी। इस घटना से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया और सभी कर्मचारी मौके पर एकत्र हो गए।
घटना के बाद तहसील कर्मचारियों ने किसान को अंततः डिप्टी कमिश्नर से मिलवाया। डिप्टी कमिश्नर ने धैर्यपूर्वक किसान की पूरी समस्या सुनी और आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया कि किसान के घर में लगभग एक वर्ष पहले आग लग गई थी, जिसके लिए वह राहत राशि की मांग कर रहा है। लेकिन लंबे समय से उसे राहत नहीं मिल सकी है। इसके पहले भी किसान ने गले में फांसी का फंदा डालकर हंगामा किया था।
सूत्रों के मुताबिक इस बार किसान शराब के नशे में भी था। फिलहाल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
(टीकमगढ़ से अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com




