निवाड़ी न्यूज़ | निवाड़ी जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले के विभिन्न स्थानों पर छापामार कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों को बंद करवाया। यह कार्यवाही झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसने और आमजन को गलत इलाज से बचाने के लिए की गई थी।
कहां-कहां की गई कार्रवाई
छापामार अभियान के तहत जेरोन, ओरछा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों की जाँच की गई। टीम ने जेरोन के “पाण्डेय क्लीनिक” जिसे बीके पाण्डेय संचालित कर रहे थे, ग्राम नेगुवा में सूरज राय की क्लीनिक, जेरोन में ही राजेश विश्वास की क्लीनिक, ओरछा में मंदिर के पीछे स्थित “अपना हेल्थ क्लीनिक”, पावर हाउस रोड स्थित श्री शालिकराम की क्लीनिक, दीपक राजपूत की क्लीनिक (ग्राम ककायनी निवासी), अभिराम की क्लीनिक (ग्राम केरीपुरा निवासी), उमा यादव द्वारा संचालित “उमा मेडिकल एजेंसी” (विदपुरा) और प्रभुसिंह की “रिशिका क्लीनिक” (गंज मोहल्ला, ओरछा) का निरीक्षण किया।
क्या मिला निरीक्षण में?
जांच के दौरान इन सभी क्लीनिकों में डॉक्टरों के पास किसी भी तरह का वैध पंजीयन नहीं पाया गया। न ही इनके पास एलोपैथिक या किसी अन्य पद्धति की चिकित्सा की मान्यता प्राप्त डिग्री थी। इसके बावजूद ये लोग एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज कर रहे थे, जो स्वास्थ्य मानकों के साथ गंभीर खिलवाड़ है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर मौजूद दवाइयों, इंजेक्शन और उपकरणों को जब्त किया और बिना अनुमति चल रही सभी क्लीनिकों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। टीम ने कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपी है और आगे कानूनी प्रक्रिया जारी रखने की बात कही है।
जनहित में चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से अपील की है कि इलाज के लिए सिर्फ प्रमाणित और पंजीकृत डॉक्टरों के पास ही जाएं। झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है बल्कि कानूनी रूप से भी गलत है।
क्या बोले अधिकारी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में इस तरह की और भी कार्रवाई जारी रहेगी। जहां भी बिना पंजीयन क्लीनिक संचालित होते पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com