निवाड़ी में पेंशनर्स ने विधायक को सौंपा ज्ञापन, पुनर्गठन अधिनियम समाप्त करने की मांग

रोहित राजवैद्य
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निवाड़ी न्यूज़ | मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 परिशिष्ट-6 को समाप्त करने की मांग को लेकर मुख पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा निवाड़ी विधायक श्री अनिल जैन को ज्ञापन सौंपा गया। पेंशनर्स संगठन ने बताया कि इस प्रावधान के चलते पिछले दो दशकों से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के हजारों सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों को केंद्रीय महंगाई दर का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें गंभीर आर्थिक हानि हो रही है।



क्या है मामला
ज्ञापन में बताया गया कि अधिनियम के अनुसार 1 नवंबर 2000 या उसके बाद रिटायर होने वाले शासकीय सेवकों के दायित्वों का विभाजन दोनों राज्यों की जनसंख्या के अनुपात—मध्यप्रदेश 74% और छत्तीसगढ़ 26%—के आधार पर होना था। लेकिन वित्त विभाग के अधिकारियों ने इस प्रावधान को नियम मानकर दोनों राज्यों के बीच आपसी सहमति की शर्त जोड़ दी है, जिसके कारण अब तक पेंशनर्स को केंद्र के अनुरूप महंगाई भत्ता नहीं मिल रहा।


बीस वर्षों से हो रहा नुकसान
पेंशनर्स संगठन का कहना है कि इस व्यवस्था के कारण हजारों पेंशनभोगी 20 वर्षों से केंद्र की तिथि से मिलने वाली महंगाई राहत से वंचित हैं। पहले भी कई बार ज्ञापन सौंपे गए, प्रदर्शन हुए, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।


विधायक ने दिया आश्वासन
विधायक अनिल जैन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे इस विषय को विधानसभा और सरकार के समक्ष उठाएंगे और इस अन्याय को समाप्त कराने हेतु ठोस पहल करेंगे।


ज्ञापन सौंपने पहुंचे वरिष्ठजन
इस मौके पर मुख पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी, वरिष्ठ नागरिक, संगठन के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में पेंशनर्स उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर सरकार से मांग की कि दोनों राज्यों के पेंशनरों के हित में अधिनियम की उक्त धारा को जल्द समाप्त किया जाए।



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(निवाड़ी से अखंड की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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