ललितपुर न्यूज़। ललितपुर जिला कारागार में बंद बलरामपुर के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता रिजवान जहीर को मिल रही वीआईपी सुविधाओं का बड़ा खुलासा हुआ है। हत्या की साजिश के आरोप में बंद रिजवान जहीर की बैरक से ब्रांडेड खाने-पीने का सामान, डनलप गद्दा और 30 हजार रुपए नकद बरामद हुए हैं।
यह खुलासा उस वक्त हुआ जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने जेल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बैरक नंबर 5A की जांच की तो वहां गद्दा, तकिया, मिठाई, देसी घी, ब्रांडेड तेल, साबुन, शैंपू, क्रीम, महंगी क्रॉकरी और टिफिन जैसी कई चीजें मिलीं। तकिए के नीचे 500-500 की गड्डियों में कुल 30 हजार रुपए कैश रखा मिला।
हैरानी की बात यह रही कि उसी बैरक में अन्य चार बंदी फर्श पर प्लास्टिक की पन्नियों में रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। दीवारों पर गुटखे के थूक के निशान और तंबाकू के पाउच भी पड़े मिले।
एक दूसरी बैरक में ताला लगा मिला। जब खोलने को कहा गया तो जेलकर्मी टालमटोल करने लगे। कई बार कहने के बाद जब बैरक खोला गया तो पता चला कि अंदर कुछ खास कैदियों के लिए अलग से खाना तैयार किया जा रहा था।
इस पूरी रिपोर्ट को जिला जज नरेंद्र कुमार झा को सौंपा गया है। डीआईजी जेल ने भी मामले की रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। जल्द ही जेल में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना है।
सोमवार को झांसी मंडल आयुक्त विमल कुमार दुबे और डीआईजी केशव कुमार चौधरी ने जेल का निरीक्षण किया। एक घंटे की जांच के बाद आयुक्त ने कहा कि अधिकतर सुविधाएं नियमों के अनुसार हैं, लेकिन बंदी के पास से मिली नकदी नियमविरुद्ध है। इसकी जांच जारी है और नियमानुसार कार्रवाई होगी।
जेल अधीक्षक मुकेश कुमार का कहना है कि रिजवान जहीर को कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही। वे दिल के मरीज हैं और डॉक्टर की सलाह पर उन्हें गद्दा दिया गया है। हालांकि उन्होंने 7500 रुपए कैश मिलने की बात स्वीकार की और चार जेलकर्मियों की लापरवाही को भी माना है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
कौन हैं रिजवान जहीर
बलरामपुर की तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन फिरोज अहमद की हत्या की साजिश में रिजवान जहीर जुलाई 2022 से ललितपुर जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ गैंगस्टर, हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा, आर्म्स एक्ट सहित 14 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
साल 1998 और 1999 में सपा से श्रावस्ती लोकसभा सीट से सांसद रहे। 1999 के बाद उन्होंने मुलायम सिंह यादव को खुली चुनौती दी थी, जिसके बाद से उनका राजनीतिक ग्राफ गिरता चला गया। हालांकि 2021 में अखिलेश यादव ने उन्हें दोबारा सपा में शामिल किया था।
रिजवान जहीर पर साल 2021 में पंचायत चुनाव के बाद हुई हिंसा में NSA भी लगाया गया था। वह हरैया थाने के हिस्ट्रीशीटर भी हैं।
जेल में मिली सुविधाओं और कैश की बरामदगी के बाद अब जेल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। जांच रिपोर्ट के बाद बड़े अफसरों पर कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com