निवाड़ी न्यूज़ | ओरछा नगर स्थित होटल क्लब एंड रिसॉर्ट में हिन्दी साहित्य भारती (अंतर्राष्ट्रीय) की दो दिवसीय केंद्रीय चिंतन बैठक का आयोजन सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। बैठक में संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी देश-विदेश से उपस्थित हुए और संगठन की भावी योजनाओं पर व्यापक चर्चा की।
वर्ष 2020 में गठित इस संस्था ने महज पाँच वर्षों में 37 देशों और देश के सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया है। संस्था द्वारा दिल्ली, झांसी और प्रयागराज जैसे स्थलों पर पाँच अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किए जा चुके हैं।
इस बैठक में संगठन विस्तार, विभिन्न प्रकोष्ठों की औपचारिक स्वीकृति, सदस्यता अभियान, एक देश एक राष्ट्रभाषा का संकल्प, प्रस्तावित नेपाल यात्रा, व सामाजिक समरसता अभियान जैसे विषयों पर गहन मंथन किया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी संगठनात्मक इकाइयाँ एक ही राष्ट्रीयकृत बैंक में खाते खोलेंगी और वर्षभर के आयोजनों का कैलेंडर भी तैयार किया जाएगा।
दिल्ली में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। संस्था की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार-प्रसार की योजना भी बनाई गई है। हाल ही में संस्था की मुंबई इकाई द्वारा आयोजित “सबके राम शाश्वत श्रीराम” कार्यक्रम को गिनीज बुक में स्थान मिला है।
चिंतन बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी, प्रो. वैद्यनाथ लाभ (सांची विश्वविद्यालय), डॉ. लक्ष्मी नारायण भाला (संघ चिंतक), डॉ. रमा (दिल्ली विश्वविद्यालय), व देशभर के साहित्यकारों, शिक्षाविदों, युवाओं ने रचनात्मक सुझाव साझा किए।
अंत में वंदे मातरम् के उद्घोष के साथ बैठक का समापन हुआ। जानकारी संस्था के जन संचार प्रकोष्ठ के सह संयोजक नीरज सिंह द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
👉 ताजा ख़बरों के लिए व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ें
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com