टीकमगढ़ के सिमरा गांव में महिला किसान से पड़ोसियों की गुंडागर्दी, कोई कार्रवाई नहीं

रोहित राजवैद्य
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टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ में महिला सशक्तिकरण के तमाम दावों के बीच टीकमगढ़ जिले के ग्राम सिमरा से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां महिला किसान ममता अहिरवार के साथ खुलेआम मारपीट और दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिससे आमजन में आक्रोश और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।



खेत पर काम करने गई महिला के साथ मारपीट

मामला जिले के बम्हौरीकलां थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित ग्राम सिमरा का है, जहाँ बीते शुक्रवार सुबह लगभग 8:20 बजे महिला किसान ममता अहिरवार खेत पर काम करने के लिए पहुँची थीं। ममता ने आरोप लगाया कि उनके खेत पर रखे पाइपों को दयाराम अहिरवार और उसकी पत्नी कुल्हाड़ी से काट-काट कर ले जा रहे थे। जब ममता ने इसका विरोध किया तो पहले गाली-गलौच की गई और फिर दोनों पति-पत्नी ने मिलकर ममता के साथ मारपीट की।



वीडियो हुआ वायरल, पुलिस मौन

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें मारपीट की तस्वीरें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। इसके बावजूद अब तक पुलिस ने कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की है। ममता ने शिकायत लेकर जब चौकी कनेरा पहुंचीं तो वहां से सिर्फ आश्वासन मिला लेकिन एफआईआर आज दिनांक तक दर्ज नहीं की गई है।



ममता को जान का खतरा

पीड़िता ममता अहिरवार का कहना है कि आरोपित दयाराम अहिरवार गांव के दबंग व्यक्ति हैं, और आए दिन उसे धमकियां मिल रही हैं। ममता का कहना है, "साहब, ये लोग मार डालेंगे।" उसकी जान को खतरा है और वह अब असुरक्षित महसूस कर रही हैं।


उल्टा मामला दर्ज

मामले में हैरानी की बात यह है कि दयाराम अहिरवार की ओर से ममता के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवाई गई है, जिससे स्पष्ट होता है कि पीड़िता को न्याय मिलने के बजाय मामले को उलझाया जा रहा है।


प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में

इस घटना से एक बार फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार द्वारा "लाडली बहना योजना" के तहत महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने की बात की जाती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। क्या यही है "लाडली बहनों" का सम्मान?


स्थानीय लोगों में आक्रोश

घटना के बाद से ग्रामीण क्षेत्र में असंतोष और नाराज़गी का माहौल है। लोग प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़िता को संरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।


यदि प्रशासन इस मामले में जल्द और ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो यह केवल एक महिला के साथ अन्याय नहीं होगा, बल्कि पूरे समाज में कानून के प्रति अविश्वास को जन्म देगा।


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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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