टीकमगढ़ न्यूज़। मोहनगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मालपीथा में शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि गांव के हर कोने में शराब उपलब्ध कराई जा रही है। इस वजह से गांव का माहौल तेजी से बिगड़ रहा है। शराब के नशे में धुत लोगों के बीच आए दिन मारपीट, झगड़े और लूट जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
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अवैध शराब के साथ पकड़ा गया युवक |
अवैध शराब के साथ पकड़ा गया युवक |
ग्रामीणों का कहना है कि शराब के कारण गांव में अशांति फैल गई है। पहले जहां गांव शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता था, वहीं अब हर दिन किसी न किसी विवाद की खबर सुनाई देती है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है, खासकर महिलाएं और बच्चे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
प्लास्टिक बोरी में रखी अवैध शराब |
गौर दुकान का लाइसेंस, शराब गांव-गांव
जानकारी के अनुसार, शराब की अधिकृत बिक्री का लाइसेंस तो गौर नामक दुकान के लिए जारी किया गया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि शराब को गांव-गांव में पहुंचाया जा रहा है। इस अवैध बिक्री के कारण कई छोटे गांव भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। सवाल उठता है कि जब ठेकेदार का लाइसेंस सिर्फ एक दुकान के लिए है, तो फिर गांव-गांव शराब कैसे और क्यों बेची जा रही है?
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है। पुलिस और प्रशासन की ओर से अब तक इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
कार्यवाई की उठी मांग
मालपीथा और आस-पास के गांवों के लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध शराब बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगी, तो गांव का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंसती जा रही है और सामाजिक ताना-बाना भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
प्रशासन की चुप्पी सवालों में
गांवों में खुलेआम शराब बिक्री के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है? या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है?
अब देखना यह है कि प्रशासन कब सख्ती से कार्रवाई करता है और गांव को इस शराब माफिया के चंगुल से कब आजादी मिलती है।
(सौरभ गंगेले की रिपोर्ट) Bundelivarta.com