झांसी न्यूज़। झांसी में ऑनलाइन IPL सट्टेबाजी के खेल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि वेबसाइट के जरिए सट्टा खिलाने वाले एक गिरोह से शहर के मेडिकल कॉलेज और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बीयू) में पढ़ने वाली छात्राएं भी जुड़ी हुई थीं। ये छात्राएं मोबाइल नंबरों से अलग-अलग फर्जी आईडी बनाकर बड़े पैमाने पर सट्टा खेलती थीं।
जांच में पता चला है कि ये छात्राएं 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक के दांव रोजाना लगाया करती थीं। पुलिस को जब सटोरियों के पास से मिले रजिस्टरों की छानबीन की गई तो उनमें छात्राओं के नाम भी दर्ज मिले। इसके बाद से पुलिस की रडार पर इन छात्राओं की गतिविधियां भी आ गई हैं।
सर्व नगर के अपार्टमेंट में चली थी बड़ी कार्रवाई
31 मार्च को सीपरी बाजार पुलिस और स्वॉट टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सर्व नगर स्थित एक अपार्टमेंट में दबिश दी थी। यहां गिरोह द्वारा वेबसाइट के जरिए IPL मैचों में बड़े पैमाने पर सट्टा खिलवाया जा रहा था। इस कार्रवाई में मास्टरमाइंड धर्मेंद्र साहू, पुनावली के ग्राम प्रधान जय सिंह उर्फ राजा गुर्जर समेत कई सटोरियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
रजिस्टर से खुली छात्राओं की पोल
गिरोह के पास से पुलिस को तीन बड़े रजिस्टर और डायरी बरामद हुई थी। जब पुलिस ने इन दस्तावेजों की गहराई से जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। रजिस्टर में बनाई गई आईडी और लगाए गए दांव का पूरा हिसाब-किताब दर्ज था। यही नहीं, मेडिकल कॉलेज, बीयू और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं के नाम भी इन दस्तावेजों में दर्ज मिले। कई छात्राओं के नाम निजी हॉस्टलों के पते के साथ नोट किए गए थे।
सर्विलांस से ट्रेस कर रही पुलिस
पुलिस अब सर्विलांस की मदद से इन छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रख रही है। कई छात्राओं से पूछताछ भी की जा चुकी है। वहीं कुछ के खिलाफ और भी सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।
सट्टा गिरोह का कारोबार थमा नहीं
गिरोह के कई सदस्यों के जेल भेजे जाने के बावजूद IPL सट्टेबाजी का कारोबार बंद नहीं हुआ है। अभी भी कई फर्जी आईडी के जरिए रोजाना करोड़ों रुपए का सट्टा लगवाया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह के सदस्य बचने के लिए आईफोन के फेस टाइम का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि कॉल रिकॉर्ड न हो सके।
विदेशी एप का सहारा
सट्टेबाजी के लिए गिरोह ने खाड़ी देशों से विशेष एप बनवाया था। इस एप के सर्वर देश से बाहर होने के कारण पुलिस चाहकर भी इसे बंद नहीं कर पा रही है। गिरोह ने तकनीक का फायदा उठाकर अपना नेटवर्क अभी भी सक्रिय बना रखा है।
धर्मेंद्र साहू को मिली जमानत
गिरफ्तारी के बाद मास्टरमाइंड धर्मेंद्र साहू को अब जमानत भी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से अपने नेटवर्क को मजबूत करने में जुट गया है।
पुलिस का दावा - जल्द करेंगे बड़ी कार्रवाई
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि पुलिस ने जिन आईडी का पता लगाया था, उन्हें बंद करा दिया गया था। अब अगर गिरोह नए नाम से आईडी बनाकर काम कर रहा है, तो जल्द ही उसे भी खत्म कर दिया जाएगा। इसके साथ ही फरार आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट ) Bundelivarta.com