झांसी : इंजीनियर दूल्हा बैलगााड़ी से पहुंचा दुल्हन लेने, विदाई देख लोग रह गए दंग

रोहित राजवैद्य
0

झांसी न्यूज़ |झांसी के चिरगांव क्षेत्र के जरियाई गांव निवासी इंजीनियर अभिजीत ने अपनी शादी में परंपरा और संस्कृति की अनूठी मिसाल पेश की। जब विदाई का समय आया, तो सभी मेहमान ये देखकर हैरान रह गए कि दूल्हा किसी लग्ज़री गाड़ी या हेलिकॉप्टर से नहीं, बल्कि सजी-धजी बैलगाड़ी से दुल्हन को लेने पहुंचा।



मंगलवार को झांसी शहर में अभिजीत की शादी बबली से हुई थी। अगली सुबह जब विदाई का वक्त आया, तो लोगों को अंदाजा नहीं था कि दूल्हा किस साधन से दुल्हन को ले जाएगा। जैसे ही फूलों से सजी बैलगाड़ी समारोह स्थल पर पहुंची, सबकी नजरें उसी पर टिक गईं।


अभिजीत ने साफ कहा कि वह ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं और अपनी मिट्टी से जुड़ाव आज भी कायम है। किसान परिवार से होने के नाते उन्होंने तय किया कि दुल्हन की विदाई किसी आलीशान गाड़ी से नहीं, बल्कि परंपरागत बैलगाड़ी से ही होगी।


इस फैसले के पीछे उनके पिता संतोष कुमार विश्वकर्मा की भी अहम भूमिका रही। उन्होंने बताया कि उनका बेटा चाहता था कि उसकी शादी में ग्रामीण संस्कृति की झलक हो। इसलिए विशेष रूप से गांव से बैलगाड़ी मंगवाई गई।


उन्होंने आगे कहा कि आजकल लोग हेलिकॉप्टर या महंगी कारों से विदाई कराने की होड़ में लगे हैं, लेकिन यह सब हर किसी के बस की बात नहीं होती। हमारे परिवार ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि लोग अपनी जड़ों को याद रखें और परंपराओं को जीवित रखें।


इस शादी की एक और खास बात यह रही कि दहेज का लेन-देन नहीं हुआ। अभिजीत के पिता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने लड़की पक्ष से कोई भी चीज़ मांगने से साफ इनकार कर दिया था। हालांकि, दुल्हन के परिवार ने अपनी ओर से कुछ चीजें भेंट में दीं।


उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब परंपराएं पीछे छूटती जा रही हैं, तब ऐसे कदम हमें अतीत की ओर लौटने की प्रेरणा देते हैं। जहां किसान को अन्नदाता और उसके औजारों को देवतुल्य समझा जाता था, वही सोच इस शादी के जरिए फिर से जागृत करने की कोशिश की गई है।


👉  ताजा ख़बरों के लिए व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ें


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top