झांसी न्यूज़। मोटरसाइकिल की क़िस्त भरने का दबाव एक मजदूर की जान ले गया। ललितपुर के चौबयाना मोहल्ले के रहने वाले 31 वर्षीय ऊदल कुशवाहा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सोमवार को उसने घर लौटकर जहरीला पदार्थ निगला था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए झांसी रेफर किया गया, लेकिन मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई।
बाइक ली, लेकिन किस्त नहीं चुका पाया
मृतक ऊदल की पत्नी प्रीति ने बताया कि उसके पति ने दो महीने पहले एक बाइक फाइनेंस पर ली थी। मजदूरी से घर चलाने वाले ऊदल के लिए हर महीने किस्त चुकाना मुश्किल हो रहा था। इस बीच फाइनेंस कंपनी के एजेंट लगातार पैसे जमा करने का दबाव बना रहे थे।
पत्नी ने करधनी भी गिरवी रखने को दी, फिर भी नहीं मिले पैसे
प्रीति के अनुसार, ऊदल किस्त के लिए हर तरफ कोशिश कर रहा था। उसने अपनी पत्नी से भी मदद मांगी, जिसके बाद प्रीति ने अपनी करधनी (कमर में पहनी जाने वाली चांदी की चेन) तक गिरवी रखने के लिए दे दी, लेकिन फिर भी पैसों का इंतजाम नहीं हो पाया।
घर लौटते ही बिगड़ी तबीयत
सोमवार सुबह ऊदल घर से निकला था, लेकिन शाम को जब लौटा तो बेहद कमजोर और निढाल लग रहा था। उसने किसी से ज्यादा बात भी नहीं की और सीधे कमरे में जाकर लेट गया। जब पत्नी ने उसे खाने के लिए उठाया तो वह अचेत था। उसके मुंह से दवा जैसी बदबू आ रही थी।
इलाज के दौरान झांसी में तोड़ा दम
परिवार के लोग और मोहल्ले के लोग उसे ललितपुर के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। झांसी में मंगलवार तड़के 4 बजे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
कर्ज के दबाव में टूटा मजदूर
ऊदल कुशवाहा जैसे हजारों लोग रोज़ी-रोटी कमाने के लिए कर्ज लेकर गाड़ियां या अन्य सामान खरीदते हैं, लेकिन जब चुकाने की बारी आती है तो मजबूरी और कर्ज का बोझ उन्हें घेर लेता है। ऊदल भी इसी दबाव को झेल नहीं सका और आखिरकार अपनी जान दे दी।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com