झांसी न्यूज़। झांसी के न्याय के मंदिर में ही एक युवती की पिटाई का सनसनीखेज मामला सामने आया। परिवार न्यायालय परिसर में वकीलों ने पहले एक बुजुर्ग महिला को पीटा, फिर उसे बचाने की कोशिश कर रही युवती को भी बेरहमी से पीट दिया। युवती किसी तरह जान बचाकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची, लेकिन वहां भी वकीलों ने उसे नहीं बख्शा।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
बबीना के शास्त्रीनगर निवासी रामा अपने बेटे विजय के साथ कोर्ट आई थीं। वहीं, उनकी बहू भी अपनी बेटी के साथ मौजूद थी। जब रामा अपनी नातिन को दुलारने गईं तो बहू से विवाद हो गया। इसी दौरान एक वकील ने रामा को थप्पड़ जड़ दिया और सड़क पर पटक दिया, जिससे उनकी साड़ी तक खुल गई।
यह देखकर वहां मौजूद एरच निवासी युवती नेहा, जो अपनी बहन के साथ पेशी पर आई थी, बुजुर्ग महिला की मदद के लिए आगे बढ़ी। मगर वकील इस पर भड़क गए और नेहा पर हमला कर दिया। वकीलों ने उसे बुरी तरह पीटा, यहां तक कि जब उसका ममेरा भाई उसे बचाने आया, तो उसे भी नहीं छोड़ा।
डीएम कार्यालय में भी मची मारपीट
हमले से घबराई नेहा जान बचाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में जा घुसी और अफसरों से मदद की गुहार लगाई। पुलिस को बुलाया गया, लेकिन तब तक वकील वहां भी पहुंच गए। जैसे ही नेहा पुलिस के साथ बाहर निकली, वकीलों ने फिर से उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान जेल चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह नेहा को बचाकर चौकी ले गई।
20 मिनट तक जान बचाने के लिए भागती रही युवती
नेहा ने आरोप लगाया कि वह करीब 20 मिनट तक कोर्ट परिसर में इधर-उधर भागती रही, मगर किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। अंत में जब पुलिस पहुंची, तब जाकर वह बच पाई।
नेहा का सवाल – क्या यहां बेटियां सुरक्षित हैं?
पुलिस चौकी में नेहा ने अपनी शिकायत दर्ज कराई और मीडिया को बताया कि उसने एक महिला की इज्जत बचाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे खुद ही पीटा गया। उसने सवाल किया, "जहां न्याय होना चाहिए, वहीं अन्याय हो रहा है, तो बेटियां कहां सुरक्षित रहेंगी?" नेहा ने दोषी वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com