सूखती फसलें, बिलखते किसान: हमीरपुर में पानी के लिए हाहाकार

आशुतोष नायक
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हमीरपुर जिले में रबी की फसलें पानी की कमी से जूझ रही हैं। नहरों में पर्याप्त पानी न होने के कारण किसानों की मेहनत और उम्मीदें दोनों सूखने के कगार पर हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

किसानों की पीड़ा

किसानों का कहना है कि मौदहा बांध से रागौल माइनर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते उनकी फसलें सूख रही हैं। इस समय फसलों को सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरूरत है, लेकिन नहरें सूखी पड़ी हैं। किसानों का आरोप है कि प्रशासन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

किसान यूनियन की चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष शिवपूजन निषाद ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही पानी की व्यवस्था नहीं की, तो वे सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के पास अपनी फसल बचाने के लिए आंदोलन के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है।

प्रशासन का जवाब

इस मामले पर अधिशाषी अधिकारी करण पाल गंगवार का कहना है कि रोस्टर के अनुसार नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि गर्मी अधिक होने के कारण पानी की मांग बढ़ गई है और सभी किसानों को बारी-बारी से पानी दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नहरों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

समस्या की जड़

 गर्मी के कारण पानी की मांग में वृद्धि।

 नहरों में पानी का अपर्याप्त प्रवाह।

 किसानों और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी।

संभावित समाधान

मौदहा बांध से रागौल माइनर में पानी का प्रवाह बढ़ाया जाए। नहरों की नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। किसानों और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद स्थापित किया जाए। सिंचाई के लिए वैकल्पिक साधनों का प्रयोग किया जाए, जैसे कि नलकूप और तालाब। किसानों को सिंचाई के लिए उचित मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाए। यह समस्या हमीरपुर के किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय है और इसका तत्काल समाधान आवश्यक है।


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 


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