झांसी स्टेशन पर महिला बेहोश, बेटियों ने खुद अस्पताल पहुंचाया

आशुतोष नायक
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झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा की बड़ी लापरवाही सामने आई। मंगलवार को ट्रेन में चढ़ने के दौरान भीड़ की वजह से एक महिला यात्री की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गईं। बेटी ने कई बार मदद मांगी, लेकिन रेलवे डॉक्टर नहीं पहुंचे। आखिरकार बेटियों ने ही अपनी मां को अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के बाद उनकी जान बच सकी।


भीड़ से घबराई महिला की बिगड़ी तबीयत

लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र की रहने वालीं 50 वर्षीय हेमलता पत्नी काशीराम अपने मायके झांसी आई थीं। मंगलवार को वह पति और दो बेटियों—नेहा और हर्षिता के साथ झांसी स्टेशन पहुंचीं, जहां से उन्हें झांसी-लखनऊ इंटरसिटी से जाना था।

हालांकि, ट्रेन के आरक्षित कोच में अनारक्षित यात्रियों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि हेमलता और उनका परिवार चढ़ ही नहीं पाया। मजबूरी में उन्होंने पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस का टिकट लिया, लेकिन इस ट्रेन में भी हालात वही थे। कोच में धक्का- मुक्की के बीच हेमलता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया और वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं। यात्रियों ने किसी तरह उन्हें प्लेटफॉर्म पर उतारा।

सीट पर कब्जा, सुरक्षा कर्मियों ने नहीं सुनी फरियाद

नेहा ने बताया कि झांसी-लखनऊ इंटरसिटी में उनकी बुक सीट पर अन्य यात्रियों ने कब्जा कर रखा था। जब उनके पिता ने सीट खाली करने को कहा तो लोग झगड़ा करने लगे। वहां खड़े सुरक्षा कर्मी से मदद मांगी गई, लेकिन उसने अनसुना कर दिया।

रेलवे डॉक्टर को बुलाने की कोशिश नाकाम

हेमलता की हालत गंभीर थी। नेहा ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। फिर वह स्टेशन के डिप्टी एसएस एसके नरवरिया के पास पहुंची। उन्होंने भी डॉक्टर को बुलाने की कोशिश की, लेकिन एक घंटे तक कोई डॉक्टर नहीं आया।

बेटियों ने खुद मां को अस्पताल पहुंचाया

जब मदद नहीं मिली, तो बेटियों ने पिता के साथ मिलकर मां को किसी तरह स्टेशन के मेन गेट तक पहुंचाया और वहां से निजी अस्पताल लेकर गईं। डॉक्टरों ने समय पर इलाज किया और हेमलता की जान बच गई।

डिप्टी एसएस बोले— "हम क्या कर सकते हैं?"

बुंदेली वार्ता से बात करते हुए डिप्टी एसएस नरवरिया ने कहा, "हमने डॉक्टर को सूचना दी थी, लेकिन उनका आना जरूरी था।" हालांकि, उन्होंने एंबुलेंस बुलाकर मदद करने की कोशिश की थी।

इस घटना ने रेलवे की लचर चिकित्सा व्यवस्था और ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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