हमीरपुर: शराब की दुकान के सेल्समैन ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी

आशुतोष नायक
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हमीरपुर न्यूज़ | मंगलवार सुबह जब शराब की दुकान तय समय पर नहीं खुली, तो पास की कैंटीन के दुकानदार को शक हुआ। उन्होंने दुकान के अंदर झांककर देखा तो वहां का नजारा चौंकाने वाला था। दुकान के अंदर 19 वर्षीय सेल्समैन सचिन राजपूत फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। यह खबर मिलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।


तीन महीने पहले शुरू किया था काम

मृतक सचिन राजपूत जरिया थाना क्षेत्र के बीरा गांव का रहने वाला था। वह तीन महीने पहले ही इस शराब की दुकान पर काम करने आया था। सचिन के परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। उसके पिता मजदूरी के लिए बाहर रहते हैं।

परिवार के अनुसार, रविवार रात सचिन ने अपनी बहन और पिता से फोन पर बात की थी। उसने किसी तरह की परेशानी का जिक्र नहीं किया था। सचिन दुकान में ही सोता था और उसके नाम दो बीघा जमीन थी।

फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी राम आसरे सरोज अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच करवाई। शव को नीचे उतारकर पंचनामा भरने के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

फिलहाल पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर सचिन ने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया?

  • क्या वह किसी मानसिक तनाव में था?
  • क्या उसे किसी ने आत्महत्या के लिए उकसाया?
  • दुकान में रहते हुए कोई विवाद हुआ था?

गांव में शोक, परिजन सदमे में

सचिन की मौत से गांव और परिवार में शोक की लहर है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि सचिन ऐसा कदम नहीं उठा सकता, इसलिए पुलिस को गहराई से जांच करनी चाहिए।

पुलिस ने कही निष्पक्ष जांच की बात

कोतवाली प्रभारी राम आसरे सरोज ने बताया कि,
"मौके पर डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम ने जांच की है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन सभी एंगल से जांच जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।"

परिवार को न्याय दिलाने की मांग

सचिन के परिजनों और गांव के लोगों ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है। कुछ लोगों का मानना है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी साजिश का नतीजा हो सकता है। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है और जल्द ही सच सामने आने की उम्मीद है।


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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