बिजली विभाग की कुर्की कार्रवाई से हड़कंप, सरकारी कार्य में बाधा डालने पर एफआईआर दर्ज

आशुतोष नायक
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टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ वितरण केंद्र के अंतर्गत बिजली बिल का लंबे समय से भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ आज बिजली विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। विशेष अभियान चलाकर 11 मोटरसाइकिल और 2 ट्रैक्टर की कुर्की की गई। इस सख्त कदम से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।



बिजली विभाग की अपील – जल्द जमा करें बकाया बिल

सहायक अभियंता मोहनगढ़ ने क्षेत्र के सभी बकायेदारों से अपील की है कि वे बिजली वसूली टीम के आने से पहले ही अपना बकाया बिल जमा करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई उपभोक्ता बकाया भुगतान नहीं करता है, तो उसकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी और जब तक पूरा बकाया चुकता नहीं किया जाता, तब तक जब्त की गई संपत्ति वापस नहीं मिलेगी।

बिजली विभाग ने संकेत दिया है कि आगे भी ऐसे उपभोक्ताओं पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, जो समय पर बिल जमा नहीं कर रहे हैं। विभाग के अनुसार, कुर्की अभियान का उद्देश्य बकायेदारों से बकाया राशि वसूल करना और बिजली चोरी को रोकना है।

सरकारी कार्य में बाधा डालने पर एफआईआर दर्ज

बिजली विभाग की कुर्की कार्रवाई के दौरान कुछ उपभोक्ताओं ने विरोध जताते हुए बाधा डालने की कोशिश की। इन उपभोक्ताओं ने सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्य करने से रोकने का प्रयास किया, जिसके चलते बिजली विभाग ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।

बिजली विभाग की शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित उपभोक्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 132, 221 और 223 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

कौन-कौन सी धाराएं हुईं लागू?

  • धारा 132: यदि कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी को बलपूर्वक रोकता है या उस पर हमला करता है, तो यह अपराध माना जाएगा। इसमें जेल, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
  • धारा 221: किसी लोक सेवक के कार्य में बाधा डालना एक दंडनीय अपराध है। इसमें भी सजा का प्रावधान है।
  • धारा 223: सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने पर यदि किसी को चोट या खतरा होता है, तो अधिकतम छह महीने की जेल हो सकती है।

बिजली विभाग की सख्त चेतावनी

बिजली विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे समय पर अपना बिजली बिल जमा करें और किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचें।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि उपभोक्ता बिजली विभाग के कार्य में हस्तक्षेप करेंगे, तो उन पर और भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का मकसद लोगों को परेशानी में डालना नहीं, बल्कि बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना है।


(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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