झांसी में सांप के काटने से युवक की मौत, परिजनों ने शव को बताया जिंदा, तांत्रिकों से कराई झाड़-फूंक

आशुतोष नायक
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झांसी के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के तालौड़ गांव में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई, जहां परिजनों ने सांप के काटने से मृत युवक को जिंदा मानते हुए पुलिस से शव छीन लिया और झाड़-फूंक कराने के लिए तांत्रिकों के पास ले गए। करीब चार घंटे तक परिजन यही दावा करते रहे कि युवक की नाड़ी चल रही है और वह अभी मरा नहीं है। हालांकि, जब दो अलग-अलग तांत्रिकों ने हाथ खड़े कर दिए, तब आखिरकार परिजन शव को लेकर थाने पहुंचे।

खेत में पानी लगाने गए युवक को सांप ने काटा

तालौड़ गांव निवासी राजेंद्र कुमार अहिरवार (32) पुत्र नंदराम अहिरवार मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। मंगलवार को वह गांव के ही एक किसान के खेत में पानी लगाने गया था। इसी दौरान एक जहरीले सांप ने उसे पैर में काट लिया। खेत मालिक ने आनन-फानन में राजेंद्र को लेकर मोंठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया और पुलिस को सूचना दी गई। जैसे ही परिजनों को इसकी जानकारी मिली, वे तुरंत अस्पताल पहुंच गए। लेकिन वहां पहुंचते ही उन्होंने दावा किया कि राजेंद्र अभी जिंदा है, क्योंकि उसकी नाड़ी चल रही है।

पोस्टमार्टम रोकने के लिए पुलिस से भिड़े परिजन

चिकित्सकों द्वारा मृत्यु की पुष्टि के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में लेना चाहा, लेकिन परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि सांप के काटने के बाद 24 घंटे तक व्यक्ति जिंदा रहता है, इसलिए वे पहले झाड़-फूंक कराना चाहते थे।

जब पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि बिना पोस्टमार्टम के शव नहीं दिया जाएगा, तो परिजन आक्रोशित हो गए और पुलिस से बहस करने लगे। इसके बाद वे जबरन शव को लेकर भाग गए और झाड़-फूंक के लिए तांत्रिकों के पास पहुंच गए।

तांत्रिकों के पास ले गए, लेकिन नहीं मिला समाधान

परिजनों ने पहले शव को दतिया जिले के सासुती खिरिया गांव में एक तांत्रिक को दिखाया, लेकिन उसने झाड़-फूंक करने से मना कर दिया। इसके बाद वे शव को भांडेर लेकर पहुंचे और वहां दूसरे तांत्रिक से झाड़-फूंक कराई। जब उसने भी कोई उपाय नहीं बताया, तब जाकर परिजनों को युवक की मौत का यकीन हुआ।

इसके बाद वे शव को लेकर वापस शाहजहांपुर थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने पंचनामा भरकर बुधवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

छोटे-छोटे बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

राजेंद्र की मौत के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है। उसकी पत्नी रूचि देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। राजेंद्र के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं—6 साल की बेटी वर्षा, 4 साल की प्रतिभा और ढाई साल का बेटा शिवम

राजेंद्र मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी मौत के बाद घर की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई है।

अंधविश्वास के चलते परिजनों ने किया हंगामा

यह पूरी घटना समाज में व्याप्त अंधविश्वास को उजागर करती है। आज भी कई लोग विज्ञान और चिकित्सा पर विश्वास करने के बजाय झाड़-फूंक को प्राथमिकता देते हैं। परिजनों का मानना था कि राजेंद्र को बचाया जा सकता है, लेकिन जब तांत्रिकों ने भी जवाब दे दिया, तब जाकर उन्हें सच्चाई का अहसास हुआ।

फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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