झांसी की 15 वर्षीय तैराक जिया यादव ने एक बार फिर शहर और देश का नाम रोशन किया है। उन्हें सिंगापुर इंटरनेशनल स्विमिंग प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। इस टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली वह सबसे कम उम्र की तैराक हैं। इससे पहले भी जिया कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन से सबको चौंका चुकी हैं। उनकी तैराकी की टाइमिंग इतनी शानदार है कि वह लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी मात दे रही हैं।
झांसी से लेकर सिंगापुर तक का सफर
झांसी के हंसारी स्थित ग्वाल टोली निवासी जिया यादव एलन हाउस पब्लिक स्कूल में 9वीं कक्षा की छात्रा हैं। 17 मार्च से शुरू होने वाले सिंगापुर इंटरनेशनल स्विमिंग प्रतियोगिता में भारतीय टीम की ओर से खेलेंगी। इस बड़ी उपलब्धि पर स्कूल प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मां-बाप ने बेटे की तरह दी परवरिश, संघर्ष से मिली सफलता
जिया के पिता विजय यादव और मां राजकुमारी यादव ने बताया कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को बेटे की तरह पाला। उनके चार बच्चे हैं—सबसे बड़ा बेटा मोंटी यादव (20 साल), दूसरे नंबर पर जिया यादव (15 साल), फिर बेटी वंशिका (7 साल) और सबसे छोटा बेटा रुद्र यादव (5 साल)। जिया के पिता खुद एक एथलीट रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने बेटी को भी खेलों में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
डूबने से बचाने के लिए सिखाई स्विमिंग, बनी राष्ट्रीय स्तर की तैराक
जिया के पिता ने बताया कि वह अक्सर समाचारों में बच्चों के डूबने की घटनाएं पढ़ते थे, जिससे उन्हें डर लगता था। इसलिए उन्होंने यह फैसला किया कि बेटी को स्विमिंग सिखानी जरूरी है, ताकि वह आत्मरक्षा कर सके। इसके अलावा, जिया को 5 साल की उम्र से सांस लेने में तकलीफ थी, जिसे दूर करने के लिए भी स्विमिंग फायदेमंद साबित हुई।
धीरे-धीरे जिया की प्रतिभा निखरने लगी और उन्होंने जिला व राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी कई रिकॉर्ड बनाए। अब सिंगापुर इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम में चयन होने के बाद वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने को तैयार हैं।
स्कूल प्रबंधन ने तैयार करवाया अंतरराष्ट्रीय स्तर का पूल
एलन हाउस पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रुचि शुक्ला ने बताया कि जब जिया के पिता एडमिशन के लिए आए थे, तब स्कूल में स्विमिंग पूल का निर्माण चल रहा था। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से आग्रह किया कि पूल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तैयार किया जाए, ताकि उनकी बेटी को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए स्कूल ने मानक अनुसार पूल तैयार करवाया, जिससे जिया को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग मिली।
गोरखपुर से बुलाया गया कोच
जिया के पिता सिर्फ स्विमिंग पूल ही नहीं, बल्कि बेहतरीन कोच की भी तलाश में थे। स्कूल प्रबंधन ने उनकी बात को समझते हुए गोरखपुर से कोच अनुज शर्मा को नियुक्त किया। कोच अनुज शर्मा ने जिया के साथ कड़ी मेहनत की और उन्हें एक बेहतरीन तैराक बनने में मदद की।
दादा ने की थी स्विमिंग कॉस्ट्यूम पर आपत्ति, अब कर रहे गर्व महसूस
शुरुआती दिनों में जिया के दादा को स्विमिंग कॉस्ट्यूम पहनने पर आपत्ति थी। इस कारण जिया को दो साल तक घुटनों के नीचे तक का कॉस्ट्यूम पहनकर स्विमिंग करनी पड़ी। लेकिन जब पोती ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से यह मुकाम हासिल किया, तो अब वही दादा गर्व से सभी को बताते हैं कि जिया उनकी पोती है और उन्होंने देश का नाम रोशन किया है।
अब सिंगापुर में लहराएंगी भारत का परचम
जिया फिलहाल दिल्ली में प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हैं। उनके माता-पिता, कोच और स्कूल प्रबंधन को पूरा भरोसा है कि वह सिंगापुर में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी और भारत के लिए पदक जीतकर वापस आएंगी।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com