खाना देरी से मिला, नाराजगी में उठाया खौफनाक कदम – केवल डराने चला था, मौत गले पड़ गई।

आशुतोष नायक
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झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 32 वर्षीय देवेंद्र रायकवार की मौत सिर्फ एक अनजाने खेल का अंजाम बन गई। वह घरवालों को डराने के लिए गले में फंदा डालकर खड़ा हुआ था, लेकिन यह मजाक मौत में बदल गया।

पत्नी से बहस, फिर कमरे में सनसनी

घटना एविट कम्पाउंड की है, जहां देवेंद्र का अपने घर में रोज़ाना की तरह पत्नी से खाने को लेकर विवाद हुआ। नशे में धुत्त देवेंद्र ने गुस्से में कमरे के दरवाजे खुले छोड़ दिए और फंदा गले में डाल लिया—शायद बस डराने के लिए! लेकिन जैसे ही झटका लगा, फंदा कस गया और देवेंद्र की जान चली गई।

पत्नी जब थाली लेकर कमरे में पहुंची, तो उसका दिल दहल गया। सामने देवेंद्र की लाश फंदे से झूल रही थी, और घुटने बेड पर टिके थे। चीख-पुकार मची, घरवाले दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

इकलौता बेटा, अब बूढ़े पिता अकेले

देवेंद्र रेलवे से रिटायर्ड रघुवर दयाल रायकवार का इकलौता बेटा था। मां पहले ही दुनिया छोड़ चुकी थी। अब पीछे बचा बस पांच साल का मासूम बेटा, जिसे शायद अभी तक समझ भी नहीं आया होगा कि उसके पिता के साथ क्या हुआ।

परिजनों की दहशत – क्या यह महज इत्तेफाक था?

चाचा का कहना है कि देवेंद्र का किसी से कोई झगड़ा नहीं था, बस नशे की लत उसकी कमजोरी थी। घरवाले उसे शराब छोड़ने की नसीहत देते रहते थे। शायद इसी वजह से वह फंदे का खेल खेल बैठा, लेकिन यह खेल उसकी जिंदगी का आखिरी खेल बन गया।

घरवालों ने उसे तुरंत फंदे से उतारकर मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, मगर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अब सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक हादसा था या शराब और गुस्से का घातक मेल? पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन परिवार में अब मातम पसरा हुआ है।

(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com

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