एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में जालौन जिले के वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया। जालौन जिला बार एसोसिएशन और कोंच बार एसोसिएशन के नेतृत्व में सभी अधिवक्ताओं ने हड़ताल करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वकीलों का कहना है कि यह संशोधन उनके अधिकारों पर सीधा हमला है और यदि सरकार ने इसे वापस नहीं लिया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।
न्यायालयों में सन्नाटा, वकीलों ने किया प्रदर्शन
कोंच के मुंसिफ कोर्ट में सैकड़ों वकीलों ने एकजुट होकर जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकार इस संशोधन के जरिए उन पर नए नियम थोपना चाहती है, जिससे उनकी स्वतंत्रता प्रभावित होगी।
कोंच बार संघ के अध्यक्ष रामशरण कुशवाहा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट में बदलाव किया, तो वकील सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा, "हम अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। सरकार को हमारी ताकत का अंदाजा नहीं है। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।"
अधिवक्ताओं की मांगें और विरोध के कारण
वकीलों का कहना है कि प्रस्तावित संशोधन अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा पर खतरा पैदा कर सकता है। उनके अनुसार, सरकार को इस विधेयक को तुरंत वापस लेना चाहिए और वकीलों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई भी बदलाव करना चाहिए।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख अधिवक्ता
इस विरोध प्रदर्शन में कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। प्रदर्शन में शामिल प्रमुख अधिवक्ताओं के नाम इस प्रकार हैं:
- कोंच बार संघ के अध्यक्ष: रामशरण कुशवाहा
- महामंत्री: दीपक मिश्रा
- कोषाध्यक्ष: शशांक श्रीवास्तव
- संयुक्त सचिव: राकेश यादव
- वरिष्ठ अधिवक्ता: ओम प्रकाश कौशिक, बृजेंद्र बाजपेई, केके श्रीवास्तव, ओम शंकर अग्रवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल
- अन्य अधिवक्ता: राजकुमार गोयल, बृजेंद्र नायक, अरुण कुमार बाजपेई, पियूष निरंजन, राजेंद्र उपाध्याय, रवि खरे, रामवीर सिंह गुर्जर, राम बिहारी, अमर बाबू पाठक, विनय गुप्ता, गजेंद्र उमेश व्यास, राममिलन कुशवाहा, अर्पित बाजपेई, संजय श्रीवास्तव, दिनेश प्रजापति, अशोक कुमार चौहान, अश्विनी कुमार अशोक, जितेंद्र पांडेय, साकेत चतुर्वेदी, नरेंद्र पुरोहित गुरु, इंद्रजीत राठौर, कृष्ण कांत शांडिल्य, अवनीत श्रीवास्तव, गौरी शंकर ताम्रकार, राहुल अवस्थी, चंद्रेश गोस्वामी, अवनीश बुटालिया और राघवेंद्र निरंजन।
बार काउंसिल के निर्देश पर किया गया प्रदर्शन
वकीलों का यह प्रदर्शन बार काउंसिल के निर्देश पर आयोजित किया गया। अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सरकार से इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की।
वकीलों का स्पष्ट संदेश है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आगे और उग्र आंदोलन करेंगे, जिससे न्यायिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com