ललितपुर: बिना सूचना और बिना वर्दी कार्रवाई करने पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम को ललितपुर में विरोध का सामना करना पड़ा। अशोक नगर थाने की पुलिस टीम डेढ़ करोड़ की ठगी के मामले में तीन लोगों को पकड़ने आई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी। जब मामला सामने आया तो कोतवाली में दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई।
बिना वर्दी आए पुलिसकर्मियों ने तीन लोगों को उठाया
दिल्ली पुलिस की टीम में एक उपनिरीक्षक समेत कुल पांच पुलिसकर्मी शामिल थे। वे प्राइवेट वाहन से ललितपुर पहुंचे और बिना स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए सीधे कार्रवाई शुरू कर दी।
सबसे पहले तालाबपुरा इलाके से एक युवक को हिरासत में लिया।
इसके बाद पुलिस लाइन स्थित एक कॉलोनी से दो सिपाहियों को पकड़ लिया।
कार्रवाई के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी ने वर्दी नहीं पहनी थी, जिससे मामला और उलझ गया।
भाई का अपहरण हो गया – महिला ने किया 112 पर कॉल
जब तालाबपुरा में एक युवक को पुलिस ने उठाया, तो उसकी बहन ने समझा कि उसका अपहरण हो गया है। घबराई महिला ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी, जिससे मामला और तूल पकड़ गया।
कोतवाली में दिल्ली पुलिस और स्थानीय पुलिस में बहस
दिल्ली पुलिस जब अपने हिरासत में लिए लोगों को लेकर कोतवाली पहुंची, तो स्थानीय पुलिस ने आपत्ति जताई। पुलिस अधिकारियों ने सवाल उठाया कि बिना सूचना और बिना वर्दी कार्रवाई कैसे की गई। इस पर दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि अशोक नगर थाने में अंकित जैन की शिकायत पर डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी का मामला दर्ज है। इसी एफआईआर के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
क्या कहते हैं अधिकारी?
क्षेत्राधिकारी सदर अभयनारायण राय ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस ने स्थानीय थाने को कोई पूर्व सूचना नहीं दी थी। पुलिस की गुप्त कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com