परिजनों के अनुसार, संदीप रात में करीब ढाई बजे अपनी माँ से बाथरूम जाने की बात कहकर घर से निकला था, लेकिन वह फिर वापस नहीं लौटा। सुबह गाँव के केवट समुदाय के लोगों ने बेतवा नदी के गड्ढों में उसे मरणासन्न अवस्था में देखा और तुरंत घरवालों को सूचना दी। जब तक एम्बुलेंस बुलाई गई, तब तक संदीप की सांसें थम चुकी थीं।
अवैध खनन पर सवाल
घटना के बाद ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संदीप को जिस गड्ढे में मरणासन्न हालत में पाया गया, वह एक लिफ्टर का गड्ढा था, और घटना के समय मात्र 20 फीट की दूरी पर लिफ्टर चल रहा था। पास में ही रेत खनन का पट्टा है, जहाँ नियमों को ताक पर रखकर मशीनों के जरिए अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
ग्रामीणों और परिवारवालों ने प्रशासन से इस मामले की गहराई से जाँच करने और अवैध खनन को तुरंत रोकने की माँग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घटना को किस तरह से संज्ञान में लेता है और अवैध खनन पर क्या कार्रवाई करता है।