सस्पेंड इंस्पेक्टर ने भगवान को ठुकराया – बोले, ‘यहां पूतना और तड़का का राज, अब आस्था नहीं रही’

आशुतोष नायक
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 झांसी में चर्चित इंस्पेक्टर ने मंदिर से हटाईं मूर्तियां, चौराहे पर रखकर बोला— 'मुझे भगवान से कोई उम्मीद नहीं'

झांसी के सस्पेंड इंस्पेक्टर मोहित यादव ने बुधवार को अपने पूजा स्थल से भगवान की मूर्तियां हटा दीं और उन्हें शहर के प्रमुख चौराहे पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उन पर झूठी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन भगवान उनकी कोई मदद नहीं कर रहे। गुस्साए इंस्पेक्टर ने इसे अन्याय करार देते हुए कहा— "यहां अब पूतना और तड़का का राज है, भगवान से कोई आस नहीं।"


चाय की दुकान खोली, फिर भी नहीं मिला इंसाफ

निलंबन के बाद मोहित यादव ने इलाइट चौराहे पर चाय की दुकान भी खोल ली थी। उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वह पुलिस की नौकरी छोड़कर संघर्ष जारी रखेंगे।

थाने में फूट-फूटकर रोए थे इंस्पेक्टर

आरआई से विवाद के बाद नवाबाद थाने में मोहित यादव जमीन पर बैठकर रो पड़े थे। इसके बाद उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया और उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ।

मूर्ति हटाने के बाद क्या बोले मोहित यादव?

"मैं सुबह-शाम पूजा करने वाला व्यक्ति था, लेकिन भगवान ने मेरी कोई मदद नहीं की।"

"झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है, अब मुझमें कोई आस्था नहीं बची।"

"यहां पूतना और तड़का का राज चल रहा है, इसलिए भगवान को त्याग रहा हूं।"

अब आगे क्या होगा?

मोहित यादव अपनी बहाली की लड़ाई लड़ रहे हैं। देखना होगा कि उनका यह कदम क्या नया मोड़ लाता है!

(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 


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