नकली नोट रखने वालों की खैर नहीं! जालौन कोर्ट का बड़ा फैसला: 10 साल की सजा, 20 हजार जुर्माना

आशुतोष नायक
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जालौन की अदालत ने नकली नोट रखने के मामले में दो आरोपियों को कड़ी सजा सुनाई है। अपर जिला जज प्रथम शिवकुमार ने तौफीक और इकबाल को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की जेल और 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर दोनों को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

13 साल बाद मिला इंसाफ

यह मामला अगस्त 2012 का है। एसओजी प्रभारी राजेंद्र सिंह भदौरिया और थानाध्यक्ष कुठौंद स्वतंत्र कुमार सिंह को सूचना मिली थी कि नकली नोट के एजेंट जालौन से उरई कोतवाली क्षेत्र में आए हैं। पुलिस ने कोंच बस स्टैंड के पीछे से दोनों आरोपियों को पकड़ा था। दोनों के पास से हजारों के नकली नोट बरामद हुए थे। पुलिस ने 17 अक्टूबर 2012 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। 13 साल चले लंबे ट्रायल के बाद आखिरकार बुधवार को इस मामले में फैसला आया।

सबूतों के आधार पर मिली सजा

अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी पाया। दोनों आरोपी जालौन के नकली नोटों के सरगना सूरज प्रसाद उर्फ सरोज कंजड़ के सहयोगी थे।

नकली नोटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

इस फैसले से साफ हो गया है कि नकली नोट रखने वालों के खिलाफ अदालत सख्त रुख अपना रही है। यह फैसला नकली नोटों के कारोबार में लिप्त लोगों के लिए एक चेतावनी है।

आम जनता की सतर्कता जरूरी

नकली नोटों के कारोबार को रोकने के लिए आम जनता की सतर्कता भी जरूरी है। यदि किसी को नकली नोट के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो उसे तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।
 
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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