टीकमगढ़ न्यूज़। जतारा वन परिक्षेत्र में लगातार हो रहे अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध वन विभाग का सख्त रुख जारी है। वर्षा ऋतु के दौरान हर साल कुछ लोगों द्वारा आरक्षित वन भूमि पर नया कब्जा करने और पुराने अतिक्रमण को विस्तार देने के प्रयास किए जाते हैं। इसी क्रम में 8 जुलाई 2025 को वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा शिशुपाल अहिरवार के नेतृत्व में एक बड़ी बेदखली कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
20 हेक्टेयर भूमि को कराया गया मुक्त
आलपुर बीट के आरक्षित कक्ष क्रमांक आरएफ-270 में अतिक्रमणकारियों द्वारा संगठित रूप से पुराने कब्जे को बढ़ाते हुए नए निर्माण का प्रयास किया जा रहा था। इसमें जमीन की जुताई-बखराई, झोपड़ियों का निर्माण और कुछ स्थानों पर पक्के निर्माण कार्य भी शामिल थे। इस जानकारी के मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी शिशुपाल अहिरवार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विभागीय अमले और जेसीबी मशीन के साथ मौके पर पहुंचकर 20 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया।
सीपीटी व कटीले पौधों की बुवाई से की सुरक्षा
अतिक्रमण हटाने के बाद वन विभाग ने उक्त आरक्षित क्षेत्र की चारों दिशाओं में CPT (कंटूर ट्रेंच) बनवाकर बड़े-बड़े गड्ढे और खाइयां खोदीं, साथ ही कंटीली प्रजाति के पौधों की बुवाई की गई, जिससे भविष्य में दोबारा कोई अतिक्रमण न हो सके।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश में हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई वन संरक्षक छतरपुर, वन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ तथा उपवन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में संपन्न हुई। वन परिक्षेत्र अधिकारी शिशुपाल अहिरवार के नेतृत्व में जतारा परिक्षेत्र का पूरा वन अमला उपस्थित रहा और उन्होंने मिलकर इस कार्रवाई को सफल बनाया।
सख्ती से निपट रहा है वन विभाग
जतारा वन क्षेत्र में लगातार हो रही बेदखली कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो रहा है कि वन विभाग अब अतिक्रमण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मुहिम से जहां वन भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है, वहीं अतिक्रमणकारियों में भी विभाग की सख्ती का संदेश जा रहा है।
वन विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में कोई भी व्यक्ति वन भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com