युवक ने तोड़ी भगवान शंकर की मूर्ति, प्रशासन ने रातों-रात कराई नई मूर्ति की स्थापना, गांव में रोष लेकिन हालात पर काबू
झाँसी की मोंठ कोतवाली क्षेत्र के अमरा गांव में रविवार की रात एक नशे में धुत युवक ने भगवान शंकर की मूर्ति को खंडित कर दिया। इस निंदनीय कृत्य से पूरे गांव में आक्रोश फैल गया, लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों की सजगता से माहौल बिगड़ने से पहले ही नियंत्रण में आ गया। यह घटना रविवार रात करीब 12 बजे की है, जब ग्राम अमरा निवासी धर्मेंद्र कोरी शराब के नशे में मातन मंदिर परिसर में पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह काफी देर तक मंदिर में घूमता रहा और बड़बड़ाता रहा। अचानक उसने पास ही रखे पत्थर से भगवान शंकर की मूर्ति पर हमला कर दिया। देखते ही देखते मूर्ति का ऊपरी हिस्सा टूट गया।
घटना की खबर फैलते ही गांव में हड़कंप मच गया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और आक्रोश जताया। कई लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध शुरू कर दिया। तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया। सूचना मिलते ही एसडीएम मोंठ अवनीश तिवारी, सीओ मोंठ देवेंद्र नाथ मिश्रा और कोतवाली प्रभारी अखिलेश द्विवेदी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद कर स्थिति को संभाला और शांति बनाए रखने की अपील की।
प्रशासन की त्वरित कार्यवाही बनी मिसाल
इस संवेदनशील मामले में प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए रातों-रात नई मूर्ति की स्थापना कराई। ग्रामीणों के सहयोग से नई प्रतिमा को उसी स्थान पर विधिपूर्वक स्थापित किया गया, जहां पुरानी मूर्ति खंडित हुई थी। एसडीएम अवनीश तिवारी ने बताया, “घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया गया। आरोपी युवक नशे की हालत में था और मूर्ति खंडित कर रहा था। ग्रामीणों की मदद से रात में ही नई मूर्ति स्थापित कर दी गई है। आरोपी को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया गया है।”
गांव में शांति, लेकिन आक्रोश बरकरार
घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति रही लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों की सूझबूझ से माहौल बिगड़ने से बच गया। हालांकि गांव के लोग अभी भी इस घटना को लेकर बेहद आक्रोशित हैं और आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब प्रशासन और समाज मिलकर कार्य करते हैं, तो किसी भी असामाजिक तत्व की मंशा को नाकाम किया जा सकता है।
यह सिर्फ मूर्ति नहीं, आस्था पर हमला था- ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि यह मूर्ति केवल एक पत्थर की मूर्ति नहीं थी, यह हमारी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक थी। इस तरह की घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी चोट पहुंचाती हैं।
पुलिस कर रही है आरोपी से पूछताछ
फिलहाल आरोपी धर्मेंद्र कोरी पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है कि उसने यह कृत्य जानबूझकर किया या नशे की हालत में। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।