पलेरा CHC की बदहाल व्यवस्था : गंदगी के ढेर, डॉक्टरों की कमी और नगर परिषद की बेरुखी

रोहित राजवैद्य
0

टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ ज़िले के पलेरा कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। यह स्वास्थ्य केंद्र न केवल मरीजों की बढ़ती संख्या के दबाव में जूझ रहा है, बल्कि इसके चारों ओर फैली गंदगी ने हालात को और गंभीर बना दिया है। केंद्र के भीतर और आसपास कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।



भीषण गर्मी के इस मौसम में जब मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, ऐसे समय में अस्पताल परिसर की बदहाली स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। शासन द्वारा महिला प्रसव के लिए बनाई गई बिल्डिंग भी अब धीरे-धीरे खंडहर का रूप ले रही है, जो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की अनदेखी का बड़ा प्रमाण है।


स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की भारी कमी भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को न केवल इलाज के लिए परेशानी उठानी पड़ती है, बल्कि कई बार उन्हें झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है। इसके चलते मरीजों को महंगी दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ती हैं और कई बार गलत इलाज के कारण गंभीर खतरे तक उठाने पड़ते हैं।


नगर परिषद की बेरुखी और सफाई की बदहाल स्थिति

स्वास्थ्य केंद्र परिसर के भीतर और डॉक्टर्स के निवास स्थान के पीछे वर्षों से कचरा जमा है, लेकिन नगर परिषद और स्वच्छता कर्मचारियों की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। डॉक्टरों के अनुसार, कई बार इस गंदगी की शिकायत नगर परिषद को की जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


आयुष डॉक्टर फिरोजा वानो ने बताया कि उन्होंने स्वयं कई बार नगर परिषद के कर्मचारियों से सफाई की गुहार लगाई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। यहां तक कि नगर परिषद द्वारा संचालित 'डोर टू डोर' कचरा एकत्रित करने वाली गाड़ी भी डॉक्टरों और कर्मचारियों के क्वार्टर तक नहीं पहुंचती। इससे डॉक्टरों और उनके परिजनों को भी मच्छरों और गंदगी के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।


क्या कहता है यह सब?

पलेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति यह दर्शाती है कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर न तो प्रशासन सजग है और न ही स्थानीय निकाय। जब स्वास्थ्य केंद्र जैसे संवेदनशील स्थान की सफाई और व्यवस्था इस कदर लचर हो, तो आम नागरिकों की सेहत की सुरक्षा पर स्वाभाविक रूप से प्रश्न उठना लाज़मी है। यदि समय रहते व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ, तो इसका खामियाजा पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य सुरक्षा को भुगतना पड़ सकता है।


ज़रूरत है कि प्रशासन इस ओर तत्काल ध्यान दे और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उसकी मूलभूत सेवाएं और स्वच्छता प्रदान की जाए, ताकि यह नाम के अनुरूप स्वास्थ्य का केंद्र बन सके, न कि बीमारियों का अड्डा।


👉  ताजा ख़बरों के लिए व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ें


(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top