ललितपुर न्यूज़ | नाराहट क्षेत्र के ग्राम इमलिया कला में सोमवार शाम एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 21 वर्षीय युवती मोनिका बुनकर ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना से पूरे गांव में सनसनी फैल गई है। आत्महत्या से पहले मोनिका ने दो पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें गांव के चार युवकों—इंद्रपाल, दीपू, मुली और भगुंती—पर लगातार मानसिक प्रताड़ना देने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है।
सुसाइड नोट में लिखी पीड़ा
मोनिका ने अपने पत्र में स्पष्ट शब्दों में लिखा—“मैं मर रही हूं, क्योंकि अब सहा नहीं जाता।” उसने बताया कि जिन चार युवकों के नाम उसने लिए हैं, उन्होंने उसकी जिंदगी को नरक बना दिया था। उसने यह भी कहा कि अब उसके लिए इस दर्द को सहना संभव नहीं रह गया था।
बहन को भी मिली थी धमकी
सुसाइड नोट में मोनिका ने 31 मई की एक घटना का उल्लेख किया है, जिसमें उसकी बहन संध्या को गांव के ही अस्सू अहिरवार नाम के युवक ने धमकी दी थी। मोनिका के अनुसार, उस दिन रास्ते में रोककर अस्सू ने कहा था कि अगर उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की, तो उसके भाई को पीटा जाएगा।
पहले भी हो चुकी थी छेड़छाड़ और मारपीट
घटना के इतिहास में जाएं तो 8 अप्रैल को मोनिका ज्वारे विसर्जन के लिए मंदिर जा रही थी, तभी इंद्रपाल ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी। इस घटना के विरोध में जब मोनिका के परिजनों ने आवाज उठाई, तो अगले ही दिन यानी 9 अप्रैल को इंद्रपाल और उसके साथियों ने पूरे परिवार से मारपीट की और धमकाया। इस मामले में स्थानीय पुलिस से शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, आरोपी फरार
मोनिका के पिता गुड्डन बुनकर की तहरीर के आधार पर नाराहट पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, छेड़छाड़ और धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं और पुलिस लगातार उनकी तलाश में दबिश दे रही है।
गांव में मातम, परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया। मंगलवार शाम को मोनिका का अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में किया गया। परिवार और ग्रामीणों में पुलिस की निष्क्रियता को लेकर रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।
जांच में जुटी पुलिस, बढ़ा दबाव
इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर भी दबाव बढ़ा दिया है। क्षेत्रीय अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है। मोनिका की मौत ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com