झांसी न्यूज़ | झांसी में सोमवार को वट सावित्री व्रत के पावन अवसर पर सुहागिनों ने पारंपरिक रीति से वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। सिद्धेश्वर मंदिर परिसर में सुबह से ही महिलाएं सज-धजकर पूजा की तैयारियों में जुट गई थीं।
जैसे ही शुभ मुहूर्त दोपहर 12:30 बजे का समय आया, महिलाएं वट वृक्ष के चारों ओर सूत के धागे से 101 बार परिक्रमा करने लगीं। यह पूजा सती सावित्री की उस कथा पर आधारित है, जिसमें उन्होंने अपने तप से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे।
सिद्धेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी हरिओम पाठक ने व्रत का महत्व बताते हुए इसे सनातन संस्कृति की महान परंपरा कहा। उन्होंने बताया कि वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा पति के लिए दीर्घायु का आशीर्वाद लाने वाली मानी जाती है।
पूजन में कई नवविवाहित जोड़े भी शामिल हुए, जिन्होंने अपने विवाहित जीवन की पहली वट सावित्री पूजा की। एक नवविवाहिता ने कहा कि उन्होंने पहली बार 21 परिक्रमा की हैं और भविष्य में 101 करने का संकल्प लिया है।
झांसी की भीषण गर्मी और तपती जमीन भी इन सुहागिनों के संकल्प को डिगा नहीं सकी। नंगे पैर परिक्रमा करतीं महिलाओं ने कहा कि अगर भगवान उनकी भावना स्वीकार करते हैं तो वे हर दिन भी यही तप करने को तैयार हैं।
इस पुण्य अवसर पर मंदिर परिसर में आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिला, जिसमें सजी-संवरी महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से पूजा कर अपने वैवाहिक जीवन के सुख-समृद्धि की कामना की।
👉 ताजा ख़बरों के लिए व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ें
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com